व्हिसल ब्लोअर डॉ. आनंद राय को 50 हजार के मुचलके पर जमानत

MP TET

भोपाल, डेस्क रिपोर्ट।  व्यापमं घोटाले के व्हिसल ब्लोअर डॉक्टर आनंद राय को शनिवार को भोपाल क्राइम ब्रांच ने भोपाल जिला कोर्ट में पेश किया, जहां उन्हे कोर्ट ने जमानत दे दी। डॉ आनंद राय को दो दिन पहले दिल्ली से उस वक़्त गिरफ्तार किया गया था जब वह सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे, जिसके बाद भोपाल क्राइम ब्रांच पुलिस ने उन्हे शुक्रवार को कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट ने डॉ. राय को क्राइम ब्रांच को एक दिन की रिमांड पर सौंपा। शनिवार को भोपाल क्राइम ब्रांच ने उन्हे फिर कोर्ट में पेश किया था और रिमांड की मांग की थी लेकिन दोबारा कोर्ट में पेश करने पर उन्हें  यहां से 50 हजार के मुचलके पर जमानत दे दी गई। गौरतलब है कि डॉ. राय और कांग्रेस के प्रवक्ता के के मिश्रा के के खिलाफ शिक्षक भर्ती पात्रता परीक्षा के स्क्रीनशॉट वायरल करने के मामले में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के ओएसडी लक्ष्मण सिंह मरकाम ने अजाक थाने में केस दर्ज कराया गया था।

यह भी पढ़ें… Realme 9 Pro+ Free Fire इस दिन होगा लॉन्च! जाने स्मार्टफोन के फीचर्स और स्पेसिफिकेशन

गौरतलब है कि कुछ दिनों पहले व्यापामं की परीक्षा को लेकर स्क्रीनशॉट (screenshot) वायरल हुआ था जिसमें  डा. राय और  प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता के के मिश्रा ने आरोप लगाया था कि यह स्क्रीनशॉट मध्यप्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान(CM shivraj singh) के ओएसडी मरकाम के मोबाईल फोन के है और पेपर परीक्षा से पहले ही उन तक पहुँच गया था, जिसके बाद ओएसडी लक्ष्मण सिंह मरकाम(lakshman singh markaam) ने डॉ राय और के के मिश्रा (k k mishra) के खिलाफ राजधानी भोपाल के अजाक थाने में एट्रोसिटी एक्ट के तहत मामला दर्ज करवाया था, उसी मामलें में क्राइम ब्रांच ने दोनों आरोपितों को नोटिस जारी किया था, लेकिन दोनों ही जवाब देने नहीं पहुंचे थे। इसके बाद पुलिस उनकी तलाश में जुट गई थी और गुरुवार को डॉ राय को दिल्ली से गिरफ्तार किया था।  वही दूसरी तरफ़  स्‍वास्‍थ्‍य विभाग ने भी डॉ आनंद राय के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई की है। इंदौर के हुकुमचंद चिकित्‍सालय में चिकित्‍सा अधिकारी के रूप में पदस्‍थ आनंद राय विगत 29 मार्च को स्‍वास्‍थ्‍य विभाग के अधिकारियों के औचक निरीक्षण के दौरान ड्यूटी से नदारद मिले थे। इसके अलावा स्‍वास्‍थ्‍य विभाग ने डा आनंद राय द्वारा इंटरनेट मीडिया पर शासन,प्रशासन के अधिकारियों के खिलाफ टिप्‍पणियाें को भी अमर्यादित आचरण माना है। जिसके बाद विभाग ने उन्हे विभाग ने भी निलंबित कर दिया था।


About Author
Avatar

Harpreet Kaur