ओरछा, मयंक दुबे। कोरोना (Corona) के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए देवस्थानों पर भीड़ को नियंत्रित करने के प्रयास तेज कर दिए गए हैं। इसी क्रम में विश्व प्रसिद्ध रामराजा सरकार (Ramraja Temple Orchha) के दर्शनों की व्यवस्था में भी बदलाव किया गया है। जिला प्रशासन द्वारा लिए गए निर्णय के मुताबिक अब केवल ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के आधार पर ही दर्शन हो सकेंगे। प्रशासन ने कोरोना गाइड लाइन का भी कड़ाई से पालन करने के निर्देश दिए हैं।
रामराजा सरकार मंदिर के प्रबंधक एवं जिला कलेक्टर नरेंद्र सूर्यवंशी ने एक बड़ा निर्णय लिया है। प्रशासन के निर्णय के अनुसार अब रामराजा के दरबार में दर्शनों की व्यवस्था में परिवर्तन किया गया है। नए आदेश के अनुसार अब सुबह और शाम दोनों समय मिलाकर केवल 1000 भक्तों को ही मंदिर में प्रवेश मिलेगा।
कलेक्टर के आदेश में कहा गया है कि प्रवेश केवल ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के आधार पर ही होगा। ये रजिस्ट्रेशन Ram Raja Temple App अथवा मंदिर की अधिकृत वेबसाइट www.ramrajatemple.mp.gov.in पर कराया जा सकेगा। दर्शन करने आने वाले व्यक्ति के पास वैक्सीन के दोनों डोज लगने का प्रमाणपत्र अथवा 48 घंटे पहले टेस्ट की नेगेटिव रिपोर्ट होना आवश्यक है। दर्शन करने आने वाले व्यक्ति को मास्क , सोशल डिस्टेंसिंग जैसे कोरोना प्रोटोकॉल करना अनिवार्य होगा।
कलेक्टर ने प्रशासनिक अमले के साथ नगर में भ्रमण भी किया। उन्होंने लोगों से मास्क लगाने की अपील की, साथ ही जिन लोगों ने मास्क नहीं लगाया था उनके खिलाफ प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा चालानी कार्यवाही की गई। इस दौरान प्रशासन ने सख्त रवैया अख्तियार करते हुए उन दुकानदारों की दुकानों को भी सील किया जो कोविड प्रोटोकॉल का पालन नहीं कर रहे थे।
कलेक्टर नरेंद्र सूर्यवंशी ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि हमने कोरोना की पहली और दूसरी लहर की विभीषका को देखा हैं ऐसे में तीसरी लहर के बीच हमें सावधानी बरतना बेहद जरूरी है और इन सब के बीच हम यह भी नहीं चाहते कि लोग जीविका के लिए परेशान हो इसी के चलते अभी रामराजा मंदिर में श्रद्धालुओं के प्रवेश के लिए आंशिक बदलाव किए गए हैं। सभी दुकानदारों व शहर के जिम्मेदार लोगों को अब इस बात के लिए स्वयं ही जागरूक होना होगा कि वह मास्क लगाएं, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें व कोविड प्रोटोकॉल का पूरी तरह पालन करने की शपथ ले व आने वाले श्रद्धालुओं को दिलाए ताकि वे स्वयं व अन्य लोग सभी संक्रमण को रोकने के लिए प्रभावी तौर पर तैयार रहें।
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Atul Saxena
पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....
पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....