ग्वालियर, अतुल सक्सेना। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के नजदीकी एवं भाजपा नेता अशोक जैन (BJP Leader Ashok Jain) को दोस्ती महंगी पड़ गई। उनके दोस्त के परिवार में संपत्ति को लेकर मंगलवार को विवाद हुआ जो पुलिस थाने पहुँच गया। थाने में FIR होने पर शक की सुई भाजपा नेता अशोक जैन पर घूमी तो उनके घर पर कुछ लोगों ने हमला कर दिया, अशोक जैन की भाभी को घायल कर दिया। भाभी का इलाज कराकर शिकायत करने जब वे मुरार पुलिस थाने पहुंचे तो दोस्त के परिवार के लोग भी थाने पहुँच गए और अशोक जैन के साथ मारपीट कर दी, दोनों पक्ष आपस में थाने में ही भिड़ गए और काफी देर तक हंगामा करते रहे। बाद में दोनों पक्षों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ लेकिन एक पक्ष की महिलाओं ने अशोक जैन पर छेड़छाड़ का मुकदमा दर्ज कराया है।
दर असल मुरार के घासमंडी निवासी दीक्षित परिवार में संपत्ति का पुराना विवाद है। मंगलवार को दिन में परिवार में विवाद हुआ जिसके बाद आदर्श दीक्षित ने अपने भाई मंटू और विवेक के खिलाफ मुरार थाने में एफआईआर दर्ज करवा दी। चूँकि आदर्श दीक्षित केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के नजदीकी और भाजपा नेता अशोक जैन का दोस्त है तो दीक्षित परिवार को शक हुआ कि एफआईआर अशोक जैन ने करवाई है।
एफआईआर से बौखलाए दीक्षित परिवार के लोगों ने अशोक जैन के घर के बाहर हंगामा कर दिया। अशोक जैन ने एमपी ब्रेकिंग न्यूज़ को बताया कि दीक्षित परिवार के लोगों में मेरे घर पर हमला किया। उनका पारिवारिक संपत्ति विवाद है। पहले आदर्श दीक्षित के घर पर मारपीट कर दी। जब एफआईआर हुई तो उसके बाद वे मेरे घर पर आ गए और मेरी भाभी के सिर पर कट्टे का बट मार दिया। जब एमएलसी कराने के बाद मैं रात को संजय दीक्षित, प्रियदर्शी दीक्षित , रवि दीक्षित , तपन दीक्षित, विवेक दीक्षित के खिलाफ एफआईआर कराने मुरार थाने पहुंचा तो इन लोगों ने मेरे ऊपर थाने के बाहर हमला कर दिया।
पुलिस थाने (Gwalior Police) में बहुत देर तक हंगामा होता रहा। पुलिस के सामने दीक्षित के परिवार हंगामा करते रहे। परिवार की महिलाओं ने अशोक जैन पर घर में घुसकर छेड़खानी करने के गंभीर आरोप लगाए और एफआईर की मांग करने लगे। जब बहुत देर तक थाने के अंदर हंगामा होता रहा तो पुलिस अधिकारियों ने फटकार लगाईं और सबके खिलाफ कड़ा एक्शन लेने की बात की तब वे थाने के बाहर गए , बाद में दीक्षित परिवार की महिलाओं की शिकायत पर पुलिस ने भाजपा नेता अशोक जैन के खिलाफ धारा 354 सहित अन्य धाराओं में प्रकरण दर्ज कर लिया।
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Atul Saxena
पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....
पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....