इसी के साथ सिंधी समाज सप्ताह में दो दिन चलने वाली इस ट्रेन को रोजाना चलाने की भी मांग कर रहा है। साथ ही इसका नाम झूलेलाल एक्सप्रेस रखने की भी मांग कर रहा है।
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लगातार सक्रिय थे तलरेजा और केसवानी :
उल्लास नगर के पूर्व उपमहापौर विनाेद तलरेजा और भारतीय जनता पार्टी के मप्र के प्रवक्ता डॉ. दुर्गेश केसवानी समाज की इस मांग को लेकर लंबे समय से सक्रिय थे और राष्ट्रीय नेतृत्व से लगातार संपर्क में थे। तलरेजा जहां जमीनी स्तर के नेता हैं, वे इस समाज की मांग को लेकर लगातार रेलवे प्रशासन व केंद्र सरकार के संपर्क में रहे। वहीं केसवानी भी समाज की मांगों को लेकर तत्कालीन रेल मंत्री पीयूष गोयल और केंद्रीय मंत्री रहे मुख्तार अब्बास नकवी से मिले थे। सुविधाएं मिलने के बाद तलरेजा और केसवानी ने मांग की है कि शीघ्र ही इस गाड़ी को प्रतिदिन चलाया जाए। साथ ही इसका नाम भगवान झूलेलाल एक्सप्रेस किया जाए।
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दादा शीतलदास हरचंदानी के प्रयासों से चली थी यह ट्रेन :
सिंधी समाज के वरिष्ठ समाज सेवी दादा शीतलदास हरचंदानी के प्रयासों से यह ट्रेन चलाई गई थी। दादा हरचंदानी ने लगातार दस साल तक प्रयास करके उल्लास नगर व मुंबई के श्रद्धालुओं को यह सौगात दी थी।
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इन सबका भी रहा विशेष योगदान :
साथ ही सिंधी समाज के पत्रकार श्रीचंद आहूजा, अशोक बोधा, दिलीप ललवानी, मनोहर जेसवानी, श्रीचंद साबलानी और गोपी पेसवानी का भी भरपूर सहयोग दादा शीतलदास को मिला था। इस गाड़ी का नाम झूलेलाल एक्सप्रेस करने के लिए पूर्व उप महापौर विनोद तलरेजा, ज्योति कलानी, हीरीया सिंह दरबार साहेब, भाऊ लीलाराम साहेब, महेश सुखरामानी, राष्ट्रीय जय झूलेलाल संघर्ष सेवा समिति के दीपक मंगतानी रंगीला, प्रकाश तलरेजा, वाशु नारवानी , पूज्य कल्यानकारी पंचायत, शहद पैसेंजर एसोसिएशन, किशोर वनवारी भी लगातार प्रयास कर रहे हैं।