43 दिन चलने वाली इस यात्रा के बारे में जानकारी देते हुए डिप्टी कमिश्नर सिंगला ने बताया कि हमने वह हर संभव प्रयास किए हैं और कदम उठाए हैं जिससे श्रद्धालु ना केवल खुद को सुरक्षित महसूस करें बल्कि उनकी यात्रा भी सुखमय हो। सिंगला ने नुनवान बेस कैंप से श्रद्धालुओं को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इसके अलावा जम्मू कश्मीर के लेफ्टिनेंट गवर्नर मनोज सिन्हा ने भी बुधवार को जम्मू कैंप से 4800 श्रद्धालुओं के जत्थे को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
जानकारी के मुताबिक इस वर्ष पहुंचने वाले श्रद्धालुओं की संख्या हमेशा से ज्यादा बताई है। इसके पीछे की वजह विगत 3 वर्षों में Article 370 और कोरोना की वजह से यात्रा के स्थगित होने को बताया जा रहा है। इस बात को ध्यान में रखते हुए सरकार ने सुरक्षाकर्मियों की संख्या में भी भारी इजाफा किया है। साथ ही बालटाल और पहलगाम में नए सिक्योरिटी चेक पोस्ट पर बनाए गए हैं ताकि किसी भी प्रकार की अनहोनी को रोका जा सके।
सरकार इस बार रेडियो फ्रिकवेंसी आईडेंटिफिकेशन की मदद से श्रद्धालुओं के मूवमेंट और सेहत पर भी नजर बनाए रखेगी, साथ ही ड्रोन की मदद से निगरानी निरंतर चालू रहेगी। सरकार ने सभी श्रद्धालुओं को आधार और दूसरे बायोमेट्रिक वेरीफाइड डॉक्यूमेंट पास रखने के लिए प्रतिबंध किया है। अमरनाथ श्राइन बोर्ड ने श्रद्धालुओं के लिए ऑनलाइन दर्शन कराने की भी पूरी व्यवस्था की है।