Eye Color : इस वजह से होते है लोगों की आंखों के अलग-अलग रंग, ये है पीछे का साइंस

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लाइफस्टाइल, डेस्क रिपोर्ट। आज तक आपने दुनिया भर के ऐसे लोगों को देखा होगा जिनकी आंखों का कलर (Eye Color) अलग-अलग रंग का होता है। किसी की आंख काली तो किसी की आंख भूरी होती है। वहीं किसी की नीली तो किसी की हरी होती है। लोगों की खूबसूरती भी कई बार आँखों के रंग पर निर्भर करती है। लेकिन क्या आप जानते हैं आंखों के अलग-अलग रंगों की क्या वजह होती है और इसके पीछे का विज्ञान क्या है। अगर नहीं जानते हैं तो चलिए आज हम आपको बताने जा रहे हैं आंखों का रंग कैसे डिसाइड होता है।

एक्सपर्ट्स के मुताबिक, आंखों का रंग आंखों की पुतली में मौजूद मेलानिन की ज्यादा मात्रा के हिसाब से तय किया जाता है। इतना ही नहीं इसका रंग तय करने में प्रोटीन डेंसिटी का भी हाथ होता है। आपको बता दें आंखों के रंग की 9 कैटेगरी है। इसमें से 16 जीन होते हैं जो आंखों के रंग के साथ जुड़ जाते हैं। दरअसल, आंखों के दो प्रमुख और सबसे खास रंगो के लिए जिम्मेदार होते हैं वह है OCA2 और HERC2.


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Ayushi Jain

मुझे यह कहने की ज़रूरत नहीं है कि अपने आसपास की चीज़ों, घटनाओं और लोगों के बारे में ताज़ा जानकारी रखना मनुष्य का सहज स्वभाव है। उसमें जिज्ञासा का भाव बहुत प्रबल होता है। यही जिज्ञासा समाचार और व्यापक अर्थ में पत्रकारिता का मूल तत्त्व है। मुझे गर्व है मैं एक पत्रकार हूं। मैं पत्रकारिता में 4 वर्षों से सक्रिय हूं। मुझे डिजिटल मीडिया से लेकर प्रिंट मीडिया तक का अनुभव है। मैं कॉपी राइटिंग, वेब कंटेंट राइटिंग, कंटेंट क्यूरेशन, और कॉपी टाइपिंग में कुशल हूं। मैं वास्तविक समय की खबरों को कवर करने और उन्हें प्रस्तुत करने में उत्कृष्ट। मैं दैनिक अपडेट, मनोरंजन और जीवनशैली से संबंधित विभिन्न विषयों पर लिखना जानती हूं। मैने माखनलाल चतुर्वेदी यूनिवर्सिटी से बीएससी इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में ग्रेजुएशन किया है। वहीं पोस्ट ग्रेजुएशन एमए विज्ञापन और जनसंपर्क में किया है।