दरअसल, यूपी के विनोद कुमार गर्ग ने सरकारी कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति की आयु 60 वर्ष से बढ़ाकर 62 वर्ष करने की मांग करते हुए एक जनहित याचिका दायर की थी।इसमें राज्य सरकार को यूपी राज्य के कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति की आयु 60 वर्ष से बढ़ाकर 62 वर्ष करने के लिए निर्देश देने की मांग की गई थी।
इस पर सुनवाई करते हुए जस्टिस देवेंद्र कुमार उपाध्याय और जस्टिस रजनीश कुमार की पीठ ने यह कहते हुए याचिका खारिज कर दी कि सर्विस मामलों में कोई जनहित याचिका सुनवाई योग्य नहीं है, यह अजीब है कि इस तरह की याचिका को जनहित में कथित तौर पर दायर किया गया है।
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हाई कोर्ट ने यह भी कहा कि जहां तक राज्य सरकार के कर्मचारियों की सेवा शर्तों का संबंध है, याचिकाकर्ता पूरी तरह से अजनबी है और राज्य सरकार के कर्मचारियों की सेवा की शर्तों में बदलाव की मांग कर रहा है, ऐसे में यह विचार करने के योग्य नहीं। इस दौरान कोर्ट ने डॉ दुर्योधन साहू और अन्य बनाम जितेंद्र कुमार मिश्रा और अन्य (1998) 7 एससीसी 273 और दत्ताराज नाथूजी थावरे बनाम महाराष्ट्र राज्य और अन्य (2005) 1 एससीसी 590 मामलों का भी जिक्र किया।