साहित्यिकी : आइये पढ़ें माखनलाल चतुर्वेदी की कुछ प्रसिद्ध कविताएं

‘माखनलाल चतुर्वेदी सरल भाषा और ओजपूर्ण भावनाओं के रचनाकार हैं। वे ‘कर्मवीर’ के संपादक भी थे। उनकी प्रमुख कृतियों में हिमकिरीटिनी, हिम तरंगिणी, युग चारण, समर्पण, मरण ज्वार, माता, वेणु लो गूंजे धरा, बीजुरी काजल आँज शामिल हैं। गद्य कृतियों में कृष्णार्जुन युद्ध, साहित्य के देवता, समय के पाँव, अमीर इरादे :गरीब इरादे प्रसिद्ध हैं। आज साहित्यिकी में पढ़ते हैं आपकी कुछ कविताएं।’

एक तुम हो

गगन पर दो सितारे: एक तुम हो,
धरा पर दो चरण हैं: एक तुम हो,
‘त्रिवेणी’ दो नदी हैं! एक तुम हो,
हिमालय दो शिखर है: एक तुम हो,
रहे साक्षी लहरता सिंधु मेरा,
कि भारत हो धरा का बिंदु मेरा ।


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श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।