बता दें कि इससे 21 साल पहले धार्मिक नगरी जीरन में एक इतिहास रचा गया था। दरअसल, नगर के प्राचीन किले में स्थित भगवान किलेश्वर महादेव मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा, कलश आरोहण एवं उद्यापन कार्यक्रम में नगरवासियों के सहयोग से कीर्तिमानी लड्डू का निर्माण कर भगवान किलेश्वर महादेव को भोग लगाया गया था। केवल इतना ही नहीं, हजारों की तादाद में उस कीर्तिमानी लड्डू को प्रसाद रूप में पावन किया गया था। 24 मई 2002 वह ऐतिहासिक दिन है जिस दिन जीरन में आस्था का इतिहास रचा गया।
भक्तजन पहुंच रहे कथा सुनने
उसी ऐतिहासिक दिन को यादगार बनाने के लिए जीरन किलेश्वर महादेव मंदिर समिति द्वारा पिछले एक माह से आयोजन शुरू कर दिया गया है। जिसके लिए 22 अप्रैल से मन्दिर परिसर में अखंड रामायण चल रहा है। वहीं, 18 मई से मन्दिर परिसर में ही शिव महापुराण कथा का वाचन पंडित वासुदेव शर्मा बसेरा (राज) वाले मुखारविन्द से प्रतिदिन दोपहर 11 बजे से किया जा रहा है। कथा के इस भव्य आयोजन में जीरन नगर सहित आसपास के गांवों से सैकड़ों की तादाद में भक्तजन कथा सुनने पहुंच रहे है।
नीमच से कमलेश सारडा की रिपोर्ट