जबलपुर, संदीप कुमार। मध्यप्रदेश के जबलपुर (jabalpur) जिले से एक बड़ी खबर आ रही रही है जहाँ आयुष्मान योजना में फर्जीवाड़ा करते हुए आयुष्मान कार्डधारी मरीजों को राइट टाउन स्थित सेंट्रल इंडिया किडनी अस्पताल द्वारा होटल में भर्ती कर इलाज किया जा रहा था। यहां न तो अस्पताल जैसी सुविधा थी और न ही संसाधन। बिना संसाधन होटल के एक-एक कमरे में दो-दो मरीजों को भर्ती किया गया था। इस बात का खुलासा शुक्रवार शाम पुलिस की छापामार कार्रवाई में हुआ है। पुलिस की टीम ने स्वास्थ्य विभाग की टीम के साथ मिलकर अस्पताल के बाजू में बने होटल बेगा में छापामार कार्रवाई की।
बता दें कि स्वास्थ्य विभाग को सूचना मिली थी कि होटल में सेंट्रल किडनी हॉस्पिटल संचालित हो रहा है जानकारी के मुताबिक पुलिस व स्वास्थ्य विभाग की टीम किडनी अस्पताल पहुंची तो होटल में मरीज भर्ती होना पाए गए। इनमें से ज्यादातर मरीज आयुष्मान कार्डधारी थे। जब टीम ने आयुष्मान योजना से जुड़े दस्तावेज भी खंगाले, जिसमें गफलत होने की बात सामने आई है।
पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ बहुगुणा को आयुष्मान कार्ड के फर्जीवाड़े की सूचना मिली थी जिसके बाद इस पूरे मामले से CMHO डॉक्टर संजय मिश्रा को अवगत करवाया गया। जबलपुर पुलिस एवं आयुष्मान अधिकारी के द्वारा संयुक्त रूप से सेंट्रल इंडिया किडनी अस्पताल के बाजू में स्थित होटल बेगा में दबिश दी। होटल के प्रथम तल द्वितीय तल के हॉल में एवं तृतीय तल के कमरों में कुछ लोग भर्ती मिले। पुलिस और स्वास्थ्य विभाग अब आयुष्मान कार्डधारी लेकर जांच कर रही हैं।
गौरतलब है कि अस्पताल द्वारा जिस होटल बेगा में मरीजों को भर्ती कर उपचार करने का दावा किया जा रहा है, उसमें मरीजों की सुरक्षा से संबंधित इंतजाम और उपकरण भी नहीं थे। कोविड काल से इस अस्पताल के रूप में उपयोग किया जाने लगा। होटल में मरीज को भर्ती कर इलाज नहीं किया जा सकता। लेकिन कोविड काल में जरूर होटलों और अस्पतालों का समन्वय बनाते हुए कोरोना मरीजों को होटल के कमरों में आइसोलेशन की परमीशन दी गई थी। मगर बेगा होटल में मरीजों को रखने की परमीशन है कि नहीं, इसकी जांच चल रही है।