Rewa Borewell Rescue: 45 घंटे के लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद भी नहीं बच सकी मासूम मयंक की जान, शासन ने की आर्थिक मदद

Rewa में 160 फीट गहरे बोरवेल में फंसे मासूम मयंक की मौत हो गई। बीते 45 घंटे से चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद भी उसकी जान बचाई नहीं जा सकी।

Sanjucta Pandit
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Rewa Borewell Rescue : रीवा के मनिका गांव में गेहूं के खेत में खुले बोरवेल में गिरे 6 साल के मासूम मयंक की जान आखिरकार बच नहीं पाई, करीब 45 घंटे चले ऑपरेशन के बाद मयंक को रेस्क्यू टीम ने बाहर निकाला। घटना के बाद मयंक आदिवासी के माता पिता का बुरा हाल है। स्थानीय प्रशासन ने परिवार को संबल प्रदान करते हुए तात्कालिक तौर पर मयंक के परिवार को 4 लाख रुपये की आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई है।

जानें पूरा मामला

रीवा जिला मुख्यालय से करीब 90 किलो मीटर दूर बसे आदिवासी बाहुल्य गाँव मनिका में शुक्रवार को मासूम मयंक अपने दोस्तों के साथ गेहूं बीनने गया था। इस दौरान खुले पड़े बोरवेल में वो गिर गया। मयंक के गिरते ही चीख पुकार मच गई, खेत मालिक ने स्थानीय लोगों की मदद से रस्सा डालकर मयंक को निकालने का प्रयास किया लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला, उसके बाद स्थानीय प्रशासन और फिर जिला प्रशासन को सूचना दी गई, SDRF और NDRF की टीमों ने रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया।

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मैं संयुक्ता पंडित वर्ष 2022 से MP Breaking में बतौर सीनियर कंटेंट राइटर काम कर रही हूँ। डिप्लोमा इन मास कम्युनिकेशन और बीए की पढ़ाई करने के बाद से ही मुझे पत्रकार बनना था। जिसके लिए मैं लगातार मध्य प्रदेश की ऑनलाइन वेब साइट्स लाइव इंडिया, VIP News Channel, Khabar Bharat में काम किया है। पत्रकारिता लोकतंत्र का अघोषित चौथा स्तंभ माना जाता है। जिसका मुख्य काम है लोगों की बात को सरकार तक पहुंचाना। इसलिए मैं पिछले 5 सालों से इस क्षेत्र में कार्य कर रही हुं।