”जब लोगों की जान बचाने आधी रात को दुकाने खुलवायी प्रशासन ने”

इंदौर, डेस्क रिपोर्ट। कोरोना की लहर में इंदौर में कलेक्टर मनीष सिह के मार्गदर्शन मे जिला प्रशासन की मुस्तैदी और सजगता ने हजारों लोगों की जान बचा ली थी। यह खुलासा खुद इंदौर के अपर कलेक्टर अभय बेडेकर ने किया है। यह वाकया प्रशासन की संवेदनशीलता और कर्तव्य परायणता का अनूठा उदाहरण भी सामने लाया है।

यह भी पढ़े.. 23 वीं सीनियर टेनिस वॉलीबॉल राष्ट्रीय प्रतियोगिता में महाराष्ट्र रहा ऑल ओवर चैंपियन

कोरोना का संक्रमणकाल याद कीजिए। पहली लहर जितनी खतरनाक थी, दूसरी उससे भी ज्यादा भयावह। ऑक्सीजन की कमी के चलते देश के हर हिस्से में आए दिन कोई न कोई हादसा हो रहा था। हर जिले में जिला प्रशासन के लिए कोरोना पीड़ित मरीजों के लिए ऑक्सीजन की उपलब्धता कराना हर रोज कुआं खोदने जैसी चुनौती लेकर आता था। ऐसे ही एक चुनौतीपूर्ण समय में इंदौर के कलेक्टर मनीष सिंह और उनकी टीम की संवेदनशीलता ने हजारों जानो पर मंडरा रहे खतरे को बचा लिया था। इस दौरान प्रशासन को किस कदर मशक्कत का सामना करना पड़ा, इसका खुलासा खुद इंदौर के वर्तमान अपर कलेक्टर अभय बेडकर ने अपने एक लेख में किया है।


About Author
Avatar

Harpreet Kaur