ग्वालियर, अतुल सक्सेना। सबसे तेज भागने वाला वन्य जीव चीता (Cheetah) की भारत में री लॉन्चिंग यानि वापसी ने पूरे देश को रोमांचित कर दिया है। मध्य प्रदेश के ग्वालियर चंबल अंचल में बसे कूनो नेशनल पार्क (Kuno National Park) में पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने नामीबिया से लाये गए 8 चीतों को छोड़ा था। इस सौगात के बाद ग्वालियर नगर निगम (Gwalior Municipal Corporation) भी रोमांचित है। नगर निगम ने गांधी प्राणी उद्यान (Gandhi Zoological Park Gwalior) में एक नया प्रयोग कर वन्य जीवों की जानकारी लोगों तक पहुंचाने का नया तरीका लॉन्च किया है।
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श्योपुर के कूनो नेशनल पार्क (Kuno National Park Sheopur) में चीतों की बसाहट के बाद एक बार फिर लोगों का ध्यान उसे देखने के साथ साथ अन्य वन्य जीवों को देखने के लिए जा रहा है। लोग वन्य प्राणी खासकर बड़े वन्य प्राणी, शेर, टाइगर, लेपर्ड आदि को देखने के लिए चिड़िया घर (गांधी प्राणी उद्यान ग्वालियर ) पहुँच रहे हैं। लेपर्ड और चीता में बहुत ज्यादा समानताएं दिखने से लोग कंफ्यूज होकर लेपर्ड को ही चीता समझ रहे हैं।
इसलिए चीता को प्रमोट करने और लेपर्ड से उसका कंफ्यूजन दूर करने के लिए गांधी प्राणी उद्यान ने सभी वन्य जीवों की पूरी जानकारी वाला बार कोड उनके केज, पिंजरे और बाड़े के बाहर बोर्ड लगाकर डिस्प्ले किये है। चिड़िया घर प्रभारी डॉ उपेंद्र यादव के अनुसार बार कोड में वन्य प्राणी का नाम, उसका ओरिजन, खाने की हैबिट्स, हाइट, वजन, नेचर आदि की जानकारी हिंदी और अंग्रेजी में उपलब्ध कराई गई है । कोई भी पर्यटक बोर्ड पर लगे बार कोड को अपने मोबाइल से स्कैन करेगा तो एक क्लिक में उसके पास संबंधित वन्य जीव की पूरी जानकारी (Complete information about wildlife will be available from QR code) आ जायेगी।
ग्वालियर नगर निगम कमिश्नर किशोर कन्याल ने कहा कि नई टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल जैसे हम दूसरी जगह करते हैं यहाँ भी किया है। क्यू आर कोड यानि बार कोड से देशी और विदेशी दोनों तरह के टूरिस्ट को फायदा होगा उन्हें संबंधित वन्य जीव के बारे में सही जानकारी एक बार में ही मिल जायेगी।
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Atul Saxena
पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....
पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....