विवादित प्रश्न के मामले में मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग ने बड़ी कार्रवाई की है। जिसने प्रश्नपत्र को सेट करने वाले और मोटर के रूप में कार्य करने वाले प्रोफेसर पर एक्शन लिया गया है। वही जारी प्रोविजनल आंसर की में से कश्मीर के संबंध में पूछे गए विवादित प्रश्न को भी विलोपित कर दिया गया। हालांकि अन्य किसी प्रश्न को नहीं हटाया गया।
आयोग ने अपनी वेबसाइट पर अनंतिम उत्तर कुंजी अपलोड कर दी है। अनंतिम उत्तर कुंजी पर उम्मीदवारों द्वारा आपत्तियां आमंत्रित करने की ऑनलाइन सुविधा दो दिनों के बाद वेबसाइट पर उपलब्ध कराई जाएगी। उम्मीदवारों को अपनी आपत्तियां, यदि कोई हो, ऑनलाइन दर्ज करने के लिए सात दिन का समय दिया जाएगा। मॉडल उत्तर कुंजी को संशोधित करने के बाद, MPPSC अंतिम उत्तर कुंजी जारी करेगा। जिसके आधार पर मूल्यांकन किया जाएगा और परिणाम तैयार किए जाएंगे।
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आयोग ने कहा कि, चूंकि एक प्रश्न को शून्य और शून्य (पाकिस्तान को कश्मीर देने से संबंधित) बना दिया गया था, इसके लिए उत्तर कुंजी जारी नहीं की गई थी। ज्ञात हो कि परीक्षा 19 जून को 52 जिलों में स्थापित 977 केंद्रों पर आयोजित राज्य सेवा परीक्षा और वन सेवा परीक्षा में 252,688 उम्मीदवारों ने भाग लिया था।
मॉडरेशन पर सवाल
इससे पहले मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग(MPPSC) के प्रश्न पत्र को तैयार करने की शैली पर भी सवाल खड़े हो गए हैं। दरअसल यह काम बेहद गोपनीय रूप से संपन्न किया जाता है। वही प्रश्न पत्र को तैयार होने के बाद उसके मॉडरेशन करवाए जाते हैं। मॉडरेशन करने वाले प्रोफेसर की जिम्मेदारी होती है। प्रश्न पत्र में प्रश्न सिलेबस के बाहर है या विवादित प्रश्न है। ऐसे प्रश्न को तत्काल दूर किया जाता है।
अब ऐसी स्थिति में मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग की प्रक्रिया पर सवाल खड़े हो रहे हैं। बता दे मॉडरेशन के बावजूद MPPSC में कश्मीर वाले विवादित प्रश्न को कैसे प्रश्न पत्र में शामिल किया गया। यह बड़ा सवाल उत्पन्न हो रहा है। जिसके बाद MPPSC के पेपर सेट करने वाले प्रोफेसर के साथ मॉडरेट पर रोक लगा दी गई है। इसमें मध्य प्रदेश के 2 प्रोफेसर शामिल है। जिसमें एक अन्य राज्य के भी हैं। MPPSC की परीक्षाओं के लिए यह दोनों प्रोफेसर कार्य नहीं कर सकेंगे।