दरअसल, सोमवार को हरियाणा सिविल सेवा (अवकाश) नियम, 2016 में संशोधन को कैबिनेट बैठक में मंजूरी दी गई। यह नियम हरियाणा सिविल सेवा (अवकाश) प्रथम संशोधन नियम, 2022 कहे जाएंगे।आसान शब्दों में समझें तो हरियाणा सरकार ने सरकारी कर्मचारियों को चाइल्ड केयर लीव (CCL) देने के नियमों में संशोधन किया गया है।इसके तहत अब पुरूष कर्मचारी भी चाइल्ड केयर लीव ले सकते है। पहले कर्मचारी अपने दो बच्चों के 18 साल का होने तक अधिकतम दो साल (730 दिन) की चाइल्ड केयर लीव ले सकते थे, लेकिन अब दिव्यांग बच्चों के मामले में आयु सीमा को कम कर दिया गया है। यानी कि कर्मचारी अब 40 % या इससे अधिक दिव्यांग बच्चों के लिए कभी भी चाइल्ड केयर लीव ले सकते हैं।
इतना ही नहीं अगर दोनों पति-पत्नी सरकारी कर्मचारी हैं और महिला की मौत हो जाती है तो उसके पति को बाकी बची हुई चाइल्ड केयर लीव लेने का अधिकार होगा। वही कैबिनेट बैठक में पेंशनरों को भी बड़ी राहत दी गई है। सीएम मनोहर लाल खट्टर ने बताया कि अब किसी को वृद्धावस्था पेंशन बनवाने के लिए आवेदन नहीं देना पड़ेगा। फॉर्म भरना, दफ्तरों के चक्कर काटना, कई तरह के वेरिफिकेशन करवाना, हमने इन सब झंझटों को खत्म करके वृद्धावस्था पेंशन देने की प्रक्रिया को बेहद सरल कर दिया है, जिसे हमने आज कैबिनेट में पारित कर दिया है।
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इसके तहत 60 साल पार वाले पेंशनरों को वृद्धावस्था सम्मान भत्ता (old age pension) के लिए आवेदन नहीं करना पड़ेगा। परिवार पहचान पत्र (PPP) रिकार्ड में अगर निर्धारित आयु सीमा पार कर चुके लोगों की सालाना आय 2 लाख रुपये से कम है तो उन्हें पेंशन मिलेगी।
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