भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। आज शनिवार है और वीकेंड की शुरुआत कुछ अच्छी बातों से करना बेहतर रहेगा। हम हमेशा अपने आसपास कुछ नीतिवाक्य लिखे देखते हैं और अक्सर उनपर सरसरी नजर डालकर गुजर जाते हैं। लेकिन कभी कभी हमें ठहरकर इनपर गौर करना चाहिए। पढ़ना चाहिए और समझना चाहिए कि ये छोटी बातें बड़ी गूढ़ हैं। कभी कभी ये छोटी बातें ही हमारी बड़ी समस्या को हल कर सकती हैं। हमें मानसिक संबल दे सकती हैं। हमारा हौसला बन सकती हैं।
सबसे पहले खुद को शुक्रिया कहिए। आप जहां तक पहुंचे हैं वो सफर आसान नहीं था। आसान नहीं था अपने हालात और वक्त से संघर्ष कर उस मुकाम तक पहुंचना जो आज हासिल है। इसलिए सबसे पहले खुद को सही आंकना और प्यार करना जरुरी है।
आज की इस भागती दुनिया में मानसिक स्वास्थ्य को संभाले रखना बड़ी चुनौती है। जब चारों तरफ से इतना प्रेशर होता है तो उसे हैंडल करना आसान नहीं। ऐसे में अपनी मानसिक परेशानियों को लेकर कोई झिझक या शर्म नही होनी चाहिए। अगर कोई किसी तरह के मानसिक स्वास्थ्य की समस्या से जूझ रहा है तो सबसे पहले उसे ये कहना चाहिए। लोगों को ये बात समझना चाहिए और इसके लिए विशेषज्ञ की सहायता लेनी चाहिए। मानसिक स्वास्थ्य को सही रखना आज के समय में सबसे कठिन लेकिन आवश्यक कार्य है।
एक दूसरे के साथ अच्छा रहना..जरुरी भी है और सुंदर भी। हम अपने साथी के साथ, दोस्तों के साथ, पड़ोसियों के साथ, सहयोगियों के साथ अच्छा बर्ताव करें तो बहुत सारा कलुष धुल सकता है। इस दुनिया में सब अपने अपने स्तर पर कोशिश कर रहे हैं और हमें भी इसमें साथ देना चाहिए। एक दूसरे के साथ अच्छा व्यवहार करना मनुष्य होने की पहली निशानी भी है।
कभी कभी हम जीवन में चमत्कार की उम्मीद करते हैं। लेकिन जीवन अपने आप में चमत्कार है..इस बात को समझना जरुरी है। अगर हम किसी तकलीफ से धीरे धीरे उबर रहे हैं तो व्यग्र होने की जरुरत नहीं। अच्छी बातें धीरे धीरे ही घटती हैं। इसलिए इसे भी उत्सव की तरह लेना चाहिए।
ये अटल सत्य है कि इस संसार में हम अकेले आए हैं और अकेल जाएंगे। इस दुनिया के मेले में जरुर हमें साथ मिलता है। लेकिन अगर साथ ऐसा हो जो हमारी कद्र न करे, हमें समृद्ध न करे तो इससे बेहतर अकेला रहना है। अकेला रहना और खुद को जानना हमेशा एक खराब साथी के होने से बेहतर है।
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श्रुति कुशवाहा
2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।