MP News : आजीविका मिशन में भ्रष्टाचार को लेकर दिग्विजय सिंह ने लगाए गंभीर आरोप, नरोत्तम मिश्रा ने दिया ये जवाब

Allegations of corruption in livelihood mission : दिग्विजय सिंह ने आरोप लगाया है कि बीजेपी सरकार आजीविका मिशन के भ्रष्ट अधिकारियों को बचाने में लगी है। उन्होने कहा कि आजीविका मिशन की दीदीयां वर्षों से कड़ी मेहनत, लगन और निष्ठा से काम कर रही हैं लेकिन उन्हें अनदेखा कर आजीविका मिशन के राज्य कार्यालय में बैठे भ्रष्ट अधिकारी के द्वारा व्यापक भ्रष्टाचार कर उन समूहों को स्वावलंबी नहीं बनाकर केवल कागजों पर ही दिखाया जा रहा है जबकि समूह की सदस्यों को आज भी लाभांश नहीं मिल रहा है। दीदीयाँ स्वयं अपने निर्णय नहीं ले पा रही हैं, उनकी चेक बुक उनके प्रोसिडिंग रजिस्टर एवं अन्य अभिलेख आजीविका मिशन के अधिकारी और कर्मचारी अपने संरक्षण में रखते हैं। वहीं गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने इन आरोपो को पूरी तरह निराधार बताते हुए कहा कि दिग्विजय सिंह सिर्फ सुर्खियों में आने के लिए इस तरह के अनर्गल बयान देते हैं।

दिग्विजय सिंह ने आरोप लगाया कि राज्य स्तर पर बैठे भ्रष्ट अधिकारी के निर्देशानुसार आजीविका मिशन का अमला कार्य कर रहा हैं। पिछले दिनों प्रदेश के प्रमुख अखबारों ने शासकीय स्कूलों में छात्रों को यूनिफॉर्म नहीं मिलने की खबर प्रकाशित की थी। इसमें करोड़ों रुपए के घोटाले को प्रमुख रूप से उजागर किया गया था। लेकिन राज्य सरकार इस मामले की निष्पक्ष जांच कराने के बजाय भ्रष्ट अधिकारी को बचाने में लग गई। समूह की भोली भाली दीदियों को आगे कर घोटालेबाज अधिकारी को बचाने का एवं छुपाने का पूरा प्रयास किया जा रहा है। उन्होने कहा कि कांग्रेस के कार्यकर्ता जो प्रत्येक ग्राम टोले मजरे में रहते हैं, वह आजीविका मिशन की गतिविधियों पर पूरी नजर रखे हुए हैं और ऐसे भ्रष्ट अधिकारी जिनके ऊपर दोष सिद्ध हो गए हैं बच नही पाएंगे। सरकार में यदि जरा सी भी नैतिकता बची हो तो उसे तत्काल पद से पृथक कर उनके भ्रष्ट कार्यों एवं पद के दुरुपयोग के आरोपो की जांच कराते हुए उसे दंडित करना चाहिए।


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श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।