ग्वालियर, अतुल सक्सेना। भारतीय जनता पार्टी ग्वालियर(Gwalior BJP) में टिकट वितरण को लेकर बढ़ रहा असंतोष थम नहीं रहा है, भाजपा के बड़े नेता लगातार डेमेज कंट्रोल की कोशिश कर रहे हैं लेकिन कार्यकर्ताओं का आक्रोश थम नहीं रहा है। नाराज कार्यकर्ताओं के इस्तीफे की शुरुआत हो चुकी है।
नगरीय निकाय चुनावों (MP Urban Body Elections 2022) में टिकट वितरण को लेकर भाजपा (BJP Madhya Pradesh) में शुरू हुआ घमासान अब कार्यकर्ताओं का इस्तीफे तक पहुँचने लगा है। भारतीय जनता पार्टी ग्वालियर के जिला मंत्री राम बीर सिंह तोमर ने आज अपना इस्तीफा जिला अध्यक्ष को भेज दिया, उन्होंने पद और पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देकर इसे अपने फेसबुक पेज पर भी पोस्ट कर दिया। राम बीर सिंह तोमर ने वार्ड क्रमांक तीन से पार्षद पद के लिए नामांकन दाखिल किया है। राम बीर तोमर ग्वालियर सांसद विवेक शेजवलकर के करीबी बताये जाते हैं।
आपको बता दें कि टिकट नहीं मिलने से नाराज ग्वालियर भाजपा (Gwalior News) के जमीनी कार्यकर्ता बगावत पर उतारू हैं, पिछले दिनों केंद्रीय चुनाव कार्यालय के उद्घाटन अवसर पर राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री चंद्र प्रकाश और केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के सामने ऐसे कार्यकर्ता अपना आक्रोश जता चुके हैं, आक्रोशित कार्यकर्ताओं ने सांसद एवं चुनाव समिति प्रमुख विवेक शेजवलकर का भी घेराव किया था।
हालाँकि संसद शेजवलकर सहित सभी बड़े नेताओं ने इसे सहज प्रतिक्रिया कहते हुए नाराजी की बात से इंकार किया था, केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी कल मंगलवार को नाराज कार्यकर्ताओं से मुलाकात कर उन्हें संतुष्ट करने की कोशिश की थी, उन्होंने भी कहा था कि कहीं कोई नाराजी नहीं है।
लेकिन अब राम बीर तोमर के इस्तीफे के बाद बड़े नेताओं के दावे गलत साबित हुए है, आज नाम वापसी का अंतिम दिन है , पार्टी ने भी चेतावनी दी है कि जिस कार्यकर्ता ने अधिकृत प्रत्याशी के विरुद्ध परचा भरा है और वो वापस नहीं लेता तो वो 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया जायेगा। अब देखना ये होगा कि आज नामांकन वापसी के अंतिम दिन और समय 3 बजे के बाद कितने कार्यकर्ता निष्कासित किये जाते हैं।
About Author
Atul Saxena
पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....
पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....