MP News : पालने में शिशु आते ही बदल गया किलकारी का माहौल

खंडवा,सुशील विधाणी। सामाजिक सेवाओं के लिए खंडवा (Khandwa) प्रदेश में अग्रणी माना जाता है। यहां परित्यागी नवजातों को हाथों हाथ लिया जाता है। यह खंडवा का इतिहास रहा है। इसी क्रम में किलकारी (kilkari) संस्था की शुरुआत होते ही एक माह का शिशु संस्था को मिला है। इसके किलकारी में आते ही संस्था में चहल-पहल दिखी। नवजात की किलकारी से पूरा किलकारी गूंज उठा। पदाधिकारी और कर्मचारियों में त्योहार जैसी खुशी दिखी। बलून भी लगाए गए। मिठाइयां भी बांटी गई।

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Amit Sengar

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मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है। वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”