ग्वालियर, अतुल सक्सेना। एक स्कूल प्रिंसिपल का घोटाला सामने आया है। शासन से मिलने वाली स्कॉलरशिप को प्रिंसिपल ने अपने बेटे के बैंक एकाउंट में ट्रांसफर करा लिया। स्टूडेंट्स पूछते रहे तो उन्हें टालते रहे। मामला अनुसूचित जाति के बच्चों से जुड़ा था तो अजाक्स सामने आया, एसपी से शिकायत के बाद मामले में एफआईआर के आदेश भी हुए लेकिन अभी तक एफआईआर नहीं हो पाई है। शिकायतकर्ता का कहना है कि अब उस पर शिकायत वापस लेने का दबाव बनाया जा रहा है।
अनुसूचित जाति जनजाति अधिकारी कर्मचारी संघ अजाक्स के संभागीय महासचिव बीएल वर्मा ने एक शिकायती आवेदन एसपी अमित सांघी को दिया है। उन्होंने बताया कि शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय किला गेट ग्वालियर में पढ़ने वाली अंजलि ने इस विद्यालय से 1018 – 19 कक्षा 11वीं पास किया है। उसे शासन से मिलने वाली स्कॉलरशिप नहीं दी गई।
बच्ची ने कई बार निवेदन किया लेकिन स्कूल प्रबंधन ने उसे हमेशा टालते हुए कहा कि राशि उसके बैंक खाते में भेज दी गई है। वर्मा ने कहा कि जब उन्होंने पता लगाया तो अंजलि जैसे कुल 13 बच्चे ऐसे निकले जिनकी स्कॉलरशिप उनके पास तक नहीं पहुंची बल्कि किसी दूसरे बैंक एकाउंट में ट्रांसफर कर दी गई।
बीएल वर्मा ने कहा कि जब उन्होंने राशि ट्रांसफर वाले एकाउंट का बैंक से पता किया तो ये राशि तत्कालीन स्कूल प्रिंसिपल पीसी गुप्ता के बेटे सक्षम देव गुप्ता के एकाउंट में ट्रांसफर की गई। उन्होंने इसका स्टेटमेंट निकलवाकर 25 अगस्त 2021 को एसपी अमित सांघी से शिकायत की। एसपी ने सीएसपी को जाँच के आदेश दिए।
उन्होंने बताया कि जब कोई कार्रवाई नहीं हुई तो एसपी साहब से फिर से मिलकर निवेदन किया जिस पर 3 दिसंबर को उन्होंने एफआईआर के निर्देश दिए लेकिन अब तक कोई एफआईआर नहीं हुई , बीएल वर्मा ने कहा कि अब उनके ऊपर शिकायत वापस लेने के दबाव बनाये जा रहे हैं, लेकिन वो दोषियों पर कार्रवाई चाहते हैं। उधर एडिशनल एसपी हितिका वासल ने कहा कि शिकायत की जाँच चल रही है, जांचपुरी होने के बाद आगे की कार्रवाई होगी।
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Atul Saxena
पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....
पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....