ईयरबड्स के साइट इफेक्ट्स
अमेरिकन एकेडमी ऑफ ओटोलरींगोलॉजी के अनुसार हमारा शरीर कानों को सुरक्षित रखने के लिए ईयरवैक्स के उत्पादन का कार्य करता है। जिसे सेरुमेन भी कहते है. ईयरवैक्स कानों से हटाने से कुछ लोगों को फायदा हो सकता है। लेकिन ये बात सब लोगों पर लागू हो जरूरी नहीं है। एक्सपर्ट्स की मानें तो कान को कॉटन ईयरबड्स या किसी अन्य वस्तु से साफ करने पर आपके कानों को कई समस्याओं का सामना भी करना पड़ सकता है।
यह भी पढ़े…रतनगढ़ मंदिर पर माता के दर्शनों को पहुंचे हजारों की संख्या में श्रद्धालु
कान का पर्दा फट जाने का खतरा
ईयरबड में लगी रूई वैसे तो कोमल होती है, लेकिन इसका लगातार इस्तेमाल करना कान की नसों को काफी नुकसान पहुंचा सकता है। कान का पर्दा काफी संवेदनशील होता है। रुई से बना ईयरबड भी यदि इस पर बार बार टकराएं तो पर्दा फटने का खतरा बढ़ जाता है।
यह भी पढ़े…Bhind : बेटे के सामने पिता की गोली मारकर हत्या, जानें पूरा मामला
ईयर ड्रम पर चोट लगने का खतरा
ईयरबड्स से कान साफ करने के लिए बार बार कान में उसे डालना और निकालना पड़ता है, ऐसा करने पर ईयरबड्स कान की दीवारों और ईयर ड्रम को गंभीर चोट पहुंचा सकता है।
यह भी पढ़े…सोने से सजा बाबा केदारनाथ का धाम, मंदिर की भव्यता में लगे चार चांद
कान का मैल बढ़ना
बड्स का आकार वैक्स को ईयर कैनाल से बाहर आने के लिए ज्यादा जगह नहीं देता है। ऐसे में कॉटन बड्स ईयर वैक्स को और अंदर तक भेज सकते हैं, जिससे मैल बाहर नहीं निकलता बल्कि अंदर ही जमा रहता है। जिससे संक्रमण का खतरा बढ़ने की संभावना ज्यादा होती है।
यह भी पढ़े…MP के स्थापना दिवस पर 1 नवंबर को शंकर-अहसान-लॉय बैंड की प्रस्तुति होगी, श्री महाकाल महालोक की थीम पर होंगे कार्यक्रम
संक्रमण होने का खतरा
कॉटन ईयरबड्स की रूई फंगल या बैक्टीरियल इंफेक्शन का कारण बन सकते हैं। जो कान को बैक्टीरिया और फंगल संक्रमण के लिए सेन्सिटिव बना सकते हैं। कभी-कभी सस्ती गुणवत्ता वाले ईयरबड की रूई वैक्स में चिपक कर अंदर ही रह जाती है, जिससे संक्रामण होने की संभावना बढ़ जाती है।
*Disclaimer :- यहाँ दी गई जानकारी अलग अलग जगह से जुटाई गई एक सामान्य जानकारी है। MPBreakingnews इसकी पुष्टि नहीं करता है।