आधुनिक श्रवण कुमार है ये राजनेता, पिता के नाम को किया अमर

विजयराघवगढ़, डेस्क रिपोर्ट। सामाजिकता और रिश्तों को निभाने के लिए इस आधुनिक युग ने लोगों की मानसिकता ही बदल दी है। जब एक पिता लाचार होने के बाद अपनी सन्तानो पर आश्रित हो जाता है, उस समय आत्मीयता और रिश्तों का सच्ची परख होती है। आजकल देखा गया है कि पिता के आश्रित होते ही पुत्र उन्हें घर से बाहर का रिश्ता दिखा देते हैं। भले ही संतान कितना ही क्यों न कमा रहा हो वह दो वक्त की रोटी भी नहीं दे पाता। इसीलिए कुछ लोग अपने पिता को वृद्धाश्रम भी छोड़ आते हैं।

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Ram Govind Kabiriya