बुलबुल के पंख पर उड़ते थे वीर सावरकर, कर्नाटक में कक्षा 8वीं के चैप्टर ने मचाई खलबली

बेंगलुरु, डेस्क रिपोर्ट। कर्नाटक में आठवीं क्लास की किताब में दिए एक चैप्टर को लेकर बवाल मच गया है। बुक रिवीजन कमेटी की ओर से हाई स्कूल की एक किताब के सिलेबस में एक सेक्शन बदला गया है। कहा यह भी जा रहा है कि सत्ता में बैठी बीजेपी इतिहास के साथ छेड़छाड़ कर रही है।

किताब में दिए गए सावरकर के अध्याय में लिखा हुआ है कि जब वह जेल में बंद थे तो बुलबुल के पंखों पर बैठकर मातृभूमि की सैर के लिए जाया करते थे। चैप्टर के एक अंश में यह लिखा हुआ है कि जिस जेल में सावरकर को बंद किया गया था, वहां एक सुराख भी नहीं था लेकिन बुलबुल पक्षी फिर भी वहां आती थी और सावरकर उनके पंखों पर बैठकर मातृभूमि के दौरे पर जाते थे।


About Author
Diksha Bhanupriy

Diksha Bhanupriy

"पत्रकारिता का मुख्य काम है, लोकहित की महत्वपूर्ण जानकारी जुटाना और उस जानकारी को संदर्भ के साथ इस तरह रखना कि हम उसका इस्तेमाल मनुष्य की स्थिति सुधारने में कर सकें।” इसी उद्देश्य के साथ मैं पिछले 10 वर्षों से पत्रकारिता के क्षेत्र में काम कर रही हूं। मुझे डिजिटल से लेकर इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का अनुभव है। मैं कॉपी राइटिंग, वेब कॉन्टेंट राइटिंग करना जानती हूं। मेरे पसंदीदा विषय दैनिक अपडेट, मनोरंजन और जीवनशैली समेत अन्य विषयों से संबंधित है।