नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। दिल्ली की सीमाओं पर चल रहा किसान आंदोलन (Farmers Protest) आखिरकार 378 दिन बाद समाप्त हो गया। संयुक्त किसान मोर्चे (SKM) ने इसके समाप्ति की घोषणा कर दी। किसान संगठनों ने बॉर्डर से अपने अपने तंबू हटाने शुरू कर दिए है और 11 दिसंबर से घर वापसी की शुरुआत हो जाएगी।
तीन कृषि कानूनों की वापसी की मांग को लेकर दिल्ली के सिंघु बॉर्डर, कुंडली बॉर्डर और गाजीपुर बॉर्डर पर शुरू हुआ किसानों का संघर्ष कृषि कानून वापस होने के बाद समाप्त हो गया है। आज गुरुवार को कुंडली बॉर्डर पर हुई संयुक्त किसान मोर्चे की बैठक में MSP पर एक समिति बनाने के केंद्र सरकार के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया गया और आंदोलन को समाप्त करने की घोषणा कर दी गई।
भारतीय किसान यूनियन के नेता और किसान आंदोलन के प्रमुख चेहरा राकेश टिकैत ने आंदोलन समाप्ति की घोषणा के बाद प्रेस को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि एक साल तक आप लोग जो किसान आंदोलन की ख़बरें दिखाते रहे ये उसी का परिणाम है।
राकेश टिकैत ने कहा कि यहाँ से हम कुछ चीजें अपने जेहन में साथ लेकर जाएंगे। उन्होंने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा था और रहेगा। देश में जब भी कहीं संयुक्त किसान मोर्चा के नेता जायेंगे उन्हें सम्मान की नजर से देखा जायेगा। क्योंकि संयुक्त किसान मोर्चा यहाँ से एक साथ जा रहा है । उन्होंने कहा कि 11 दिसंबर से दिल्ली के बॉर्डर खाली होना शुरू हो जायेंगे अब इसमें दो दिन लगें तीन दिन या फिर चार दिन।
उधर किसानों ने इसे अपने संघर्ष की जीत बताते हुए ख़ुशी ख़ुशी अपने तंबू हटाने और सामान समेटना शुरू कर दिया है, किसानों ने यहाँ पक्के निर्माण कर रखे है कई किलोमीटर तक किसान संगठनों के टेंट हैं इसलिए बॉर्डर खाली होने सकता है।
उधर राहुल गांधी ने किसान आंदोलन के समाप्ति और किसानों के संघर्ष की जीत पर एक वीडियो पोस्ट किया है।