दरअसल कोल्हान विश्वविद्यालय के सीनेट हॉल में 3 साल बाद बैठक आयोजित की गई थी। बैठक में कई महत्वपूर्ण प्रस्ताव को सहमति दी गई है। बैठक में जहां 8 विश्वविद्यालय के साथ कोल्हान विश्वविद्यालय चाईबासा ने एमओयू किया है। वही विश्वविद्यालय के अधीन कार्यरत कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति आयु 60 के बदले 62 करने के प्रस्ताव के अनुमोदन दे दिए गए हैं।
शिक्षकेतर कर्मचारी के सीनियर सदस्य प्रत्यूष पानी ने शिक्षकेतर कर्मचारी के रिटायरमेंट की उम्र बढ़ाने के लिए सभा में प्रस्ताव रखा। प्रस्ताव को मंजूर करते हुए कुलपति ने सरकार को एक प्रस्ताव भेजने की सहमति दे दी है। रिटायरमेंट उम्र सीमा 60 से बढाकर 62 वर्ष करने का प्रस्ताव रखा गया है। इसके अलावा कर्मचारियों के पीएफ फंड मामले पर भी गंभीरता से सीनेटर द्वारा उठाया गया। फैसले पर कुलपति गंगाधर पांडा ने जवाब दिया है कि इसके लिए कमेटी तैयार किया गया है। 10 दिनों में पूरे मामले का समाधान कर दिया जाएगा
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वहीं शिक्षक व शिक्षकेतर कर्मचारी के भत्ते लंबित पड़े हुए हैं। उनके शीघ्र भुगतान करने के निर्देश कुलपति ने वित्त पदाधिकारी को दे दिए हैं। बैठक में शिक्षक और शिक्षकेतर कर्मचारी द्वारा लंबित वेतन निर्धारण मामले को भी रखा गया है। जिसे सीनेट में पारित कर दिया और सरकार के पास भेज दिया है।
इसके लिए प्रस्ताव सरकार को भेजा जाएगा कर्मचारी लंबे अरसे से इसकी मांग कर रहे थे। कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर विचार-विमर्श कर सर्वसम्मति से उसे पारित किया गया। सीनेट की बैठक में ऑफिसर क्वार्टर बनाने के प्रस्ताव को भी मंजूरी मिली है। इसके साथ ही अविलंब डीपीआर तैयार कर भूमि का चयन कर विश्वविद्यालय को भेजने की बात कही गई।
इसके अलावा सीनेट की बैठक में प्रस्ताव रखा गया था कि कॉलेजों को परीक्षा आयोजित करने के लिए पहले ही पैसा दिया जाता था लेकिन वर्तमान समय में परीक्षा के बाद विश्वविद्यालय द्वारा कॉलेजों को राशि का भुगतान नहीं किया गया है। जिस पर कुलसचिव जयंत शेखर ने कहा कि परीक्षा के पहले पेमेंट करना कठिन है, सुधार करते हुए परीक्षा के बाद बिल जमा करने पर कॉलेज को पेमेंट किया जा रहा है। 1 सप्ताह के अंदर परीक्षा के पैसे कर्मचारियों के खाते में पहुंचेंगे।