नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। आजकल ऑनलाइन फ्रॉड से अपने यूजर्स को बचने के लिए कंपनिया अपने ऐप प्राइवेसी को लेकर नए-नए तरह के सिस्टम्स अपना रहे है, लेकिन कंपनी की एक गलती और यूजर्स की सारी पर्सनल जानकारी गई। ऐसा ही कुछ भारत की मशहूर ट्रैवेल ऐप Cleartrip के साथ हुआ है, जिसे डेटा ब्रीच का शिकार होना पड़ा है।
इस बीच कंपनी ने अपने यूजर्स को ई-मेल भेजकर सुरक्षा की दृष्टि से पासवर्ड बदलने का आग्रह किया है। कंपनी की तरफ से बयान आया है कि उसका कोई भी सेंसिटिव डेटा लीक नहीं हुआ है। कंपनी ने सिर्फ सुरक्षा कारणों से कस्टमर्स को पासवर्ड बदल लेने के लिए कहा है। कंपनी साइबर ऑथोरिटी से कॉन्टैक्ट में है और इसके लिए कानून के हिसाब से लीगल एक्शन ले रही है। एक रिपोर्ट के अनुसार, डेटा ब्रीच का भारतीय बहुत ज्यादा शिकार हो रहे है। पिछले 18 साल में 250 मिलियन से ज्यादा भारतीय यूजर्स के यूजरनेम और पासवर्ड ऑनलाइन ब्रीच हुए है।
उधर, फेमस सिक्योरिटी रिसर्चर सनी नेहरा ने इस ब्रीच को लेकर ट्विटर पर एक स्क्रीनशॉट शेयर किया है, जहां उन्होंने इसे एक बड़ी घटना बताते हुए लिखा कि Cleartrip एक बड़े डेटा ब्रीच का शिकार हुआ है। इस स्क्रीनशॉट को थ्रेट एक्टर ने प्राइवेट फोरम पर डेटा बेचने के लिए पोस्ट किया था। इस ट्वीट में साझा की जानकारी के मुताबिक, ये हैक इस साल अप्रैल-मई के बीच हुआ था।
क्या है डाटा ब्रीच ?
डेटा ब्रीच एक ऐसी घटना है जहां सिस्टम के मालिक की जानकारी या प्राधिकरण के बिना जानकारी चोरी हो जाती है या सिस्टम से ली जाती है। एक छोटी कंपनी या बड़े संगठन को डेटा उल्लंघन का सामना करना पड़ सकता है।
कैसे काम करती है Cleartrip
Cleartrip एक ट्रैवेल एप्लीकेशन है, जिससे आप होटल्स और फ्लाइट्स बुक कर सकते है। इस बीच 17 जुलाई को सिक्योरिटी और एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (Sebi) ने एक शिकायत साइबर घटना को लेकर कराई थी। इस दौरान कंपनी से साफ़ किया कि भी सेंसिटिव डेटा की चोरी नहीं हुई है।