ये है देश की अजब गजब होली, जिसमें नहीं किया जाता रंगों का इस्तेमाल, जानिए यहां

Different types of Holi in India : होली मतलब रंग, होली मतलब पिचकारी, होली मतलब पपड़ी गुजिया। हर परिवार में कुछ यही मायने हैं इस त्यौहार के। लेकिन क्या आप जानते हैं भारत में कुछ ऐसी जगह भी है जहां होली का मतलब ना तो रंग है और ना ही गुजिया। नहीं तो आइए जानते हैं कुछ अलग तरह की होली के बारे में।

कमन पंडीगई

तमिलनाडु में बेहद ही अलग तरीके से होली का त्यौहार मनाया जाता है। यहां इसे कमन पंडीगई के नाम से जाना जाता है। यहां के लोग इस दिन कामदेव की पूजा करते हैं और उन्हें चंदन की लकड़ी अर्पित करते हैं। लोगों की मान्यता है कि इससे उनके दुख कम होंगे। कामदेव दें अपने तीर से भगवान शंकर पर प्रहार किया था जिसके बाद भगवान शंकर ने कामदेव को भस्म कर दिया था। लोग कामदेव की पत्नी रति के दुख को दिखाने के लिए गीत भी गाते हैं।


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Pooja Khodani

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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)