कलेक्टर अक्षय कुमार सिंह ने अंतरविभागीय समन्वय बैठक में कहा कि पटवारियों के बस्ते की जांच के लिये अधीक्षक भू-अभिलेख की टीम को जिम्मेदारी सौंपी जा रही है। इसी तरह सभी एसडीएम को स्वयं के न्यायालय सहित अपने अधीनस्थ तहसीलदारों व नायब तहसीलदारों के न्यायालयों की जांच करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही एसडीएम जिले के अन्य एसडीएम न्यायालयों का क्रॉस निरीक्षण भी करें।
कलेक्टर बोले- इस काम में ढिलाई बर्दाश्त नहीं होगी
सोमवार को यहाँ जिला पंचायत के सभागार में आयोजित हुई बैठक में कलेक्टर श्री सिंह ने जिले के सभी एसडीएम व तहसीलदारों को अपने-अपने क्षेत्र के पटवारियों के बस्ते की आकस्मिक जांच करने के निर्देश भी दिए। उन्होंने कहा कि पटवारी बस्ते और राजस्व न्यायालयों की जांच प्रभावी ढंग से की जाए, जिससे सभी राजस्व न्यायालय व राजस्व अधिकारियों के कार्यालय व्यवस्थित हों। साथ ही सभी राजस्व प्रकरण अनिवार्यत: आरसीएमएस में दर्ज हो जाएँ। उन्होंने साफ किया इसमें किसी भी प्रकार की ढिलाई बर्दाश्त नहीं होगी।
मुख्यमंत्री जन सेवा अभियान – द्वितीय चरण की प्रगति की समीक्षा की
अंतरविभागीय समन्वय बैठक में मुख्यमंत्री जन सेवा अभियान – द्वितीय चरण के तहत उपलब्ध कराई जा रही 68 प्रकार की सेवायें एवं गत 15 अप्रैल तक दर्ज सीएम हेल्पलाइन की शिकायतों का निराकरण सहित राज्य सरकार के प्राथमिकता वाले अन्य कार्यक्रमों की समीक्षा की गई। साथ ही समय-सीमा वाले प्रकरणों की भी समीक्षा की गई। बैठक में अपर कलेक्टर एच बी शर्मा, जिले के सभी एसडीएम एवं विभिन्न विभागों के जिला स्तरीय अधिकारी मौजूद थे।
रजिस्टर में दर्ज करें सीएम हेल्पलाइन की शिकायत के निराकरण का ब्यौरा
कलेक्टर अक्षय कुमार सिंह ने बैठक में जोर देकर कहा कि सभी अधिकारी अपने-अपने कार्यालय में सीएम हेल्पलाइन की शिकायतों के निराकरण का ब्यौरा एक रजिस्टर में दर्ज करें। जिसमें स्पष्ट हो कि शिकायत के निराकरण के सिलसिले में शिकायतकर्ता से फोन से कब और क्या बात हुई। इस रजिस्टर में शिकायत के निराकरण के लिये बनाया गया पंचनामा भी चस्पा करें। उन्होंने एक बार फिर दोहराया कि सीएम हेल्पलाइन में शिकायत दर्ज कराने वाले व्यक्तियों से टेलीफोन पर बात करें, उनके साथ गूगल मीट करें और रेण्डमली शिकायतकर्ताओं को बुलाकर उनकी मौजूदगी में शिकायत का निराकरण किया जाए।
निक्षय मित्र बनकर क्षय रोग निवारण में सहभागी बनें शासकीय सेवक
अंतरविभागीय समन्वय बैठक में मौजूद विभागीय अधिकारियों से कलेक्टर अक्षय कुमार सिंह ने निक्षय मित्र बनने का आह्वान किया। उन्होंने कहा निक्षय मित्र के रूप में थोड़ी सी आर्थिक मदद कर हम आर्थिक रूप से कमजोर क्षय रोग से ग्रसित मरीजों की जिंदगी बचा सकते हैं। उन्होंने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी से अगली टीएल बैठक में सभी अधिकारियों के निक्षय मित्र के फॉर्म भरवाने के निर्देश दिए।
ग्वालियर से अतुल सक्सेना की रिपोर्ट