इंदौर, आकाश धोलपुरे। शादी का झांसा देकर दुष्कर्म करने के आरोपी कांग्रेस विधायक (Congress MLA) पुत्र करण मोरवाल की गिरफ्तारी को लेकर महिला थाना पुलिस इंदौर (Indore Police) ने मंगलवार को एक बड़ा कदम उठाते हुए आरोपी के भाई शिवम मोरवाल को पूछताछ के लिए हिरासत में ले लिया है। दूसरे बेटे की हिरासत की जानकारी लगते ही बड़नगर से कांग्रेस विधायक मुरली मोरवाल (Congress MLA Murli Morwal) भी इंदौर पहुंच गए। हालांकि, मीडिया के तीखे सवालों से बचकर उन्होंने मौके से निकल जाने में ही भलाई समझी।
दरअसल, कांग्रेस विधायक मुरली मोरवाल के बेटे करण मोरवाल पर एक युवती ने दुष्कर्म जैसे संगीन मामले में प्रकरण दर्ज कराया था जिसके बाद से ही विधायक पुत्र करण मोरवाल गिरफ्तारी के डर से पुलिस से छिपता फिर रहा है। पुलिस उसकी सरगर्मी से तलाश कर रही है। फरार चल रहे आरोपी करण मोरवाल की गिरफ्तारी को लेकर पुलिस ने उस पर 15 हजार का इनाम भी रखा है।
मंगलवार को कांग्रेस विधायक मुरली मोरवाल के बेटे करण मोरवाल पर इंदौर पुलिस ने शिकंजा कसते हुए आरोपी के भाई शिवम मोरवाल को हिरासत में लिया पूछताछ के लिए इंदौर लाई। जहां महिला थाना पर शिवम मोरवाल से ये जानकारी जुटाई जा रही है कि करण की वर्तमान मूवमेंट क्या हो सकती है। इधर, जब कांग्रेस विधायक के दूसरे बेटे को बड़नगर से इंदौर लाया गया तो स्वयं कांग्रेस विधायक मुरली मोरवाल भी महिला थाना पहुंच गए।
हालांकि, शिवम को पूछताछ के लिए इंदौर लाया जाना और विधायक का अचानक इंदौर पहुंचना ये संकेत दे रहा है कि अगले कुछ घंटों में विधायक पुत्र करण मोरवाल या तो सरेंडर कर सकता है या पुलिस दोस्तों और शिवम से पूछताछ के आधार पर उसे गिरफ्तार कर सकती है। महिला थाना पहुंचे कांग्रेस विधायक मुरली मोरवाल मीडिया के सवालों से बचकर भागे और उन्होंने मीडिया से दुष्कर्म के आरोप में फरार चल रहे करण मोरवाल को लेकर कहा कि वो कुछ नहीं कहेंगे।
महिला थाना प्रभारी ज्योति शर्मा ने बताया कि पुलिस आरोपी करण मोरवाल की सरगर्मी से तलाश कर रही है और पुलिस को उम्मीद है फरार चल रहे 15 हजार के इनामी आरोपी के बारे उसके भाई से बहुत कुछ पता चल सकता है। पुलिस ने विधायक मुरली मोरवाल से भी कहा है कि वो एक जिम्मेदार जनप्रतिनिधि होने के नाते आरोपी की गिरफ्तारी में मदद करें ।
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Atul Saxena
पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....
पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....