मीडिया रिपोर्ट्स की मानें आगामी चुनावों से पहले मोदी सरकार केन्द्रीय कर्मचारियों का फिटमेंट फैक्टर बढ़ा सकती है। आखिरी बार 2017 में एंट्री लेवल बेसिक पे 7000 रूपये प्रतिमाह से बढ़ाकर 18000 रूपये की गई थी। अगर सहमति बनती है तो इससे बेसिक सैलरी में 8000 का इजाफा होगा और बेसिक सैलरी 18000 से बढकर 26000 हो जाएगी ।इसके लिए एक ड्राफ्ट भी तैयार किया जाएगा, जिसे जल्द केन्द्र सरकार के साथ शेयर किया जाएगा। इससे 52 लाख से ज्यादा कर्मचारी लाभान्वित होंगे।,हालांकि अभी तक सरकार की तरफ से कोई अधिकारिक पुष्टि या बयान नहीं आया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबित, 2023 से पहले एक बार फिर 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) को लेकर कर्मचारी संगठनों के बीच चर्चाएं शुरू हो गई है। केंद्रीय वेतन आयोग का गठन कब होगा, इस बारे में कर्मचारी संगठनों की ओर से सरकार से प्रश्न किए जा रहे हैं। हालांकि बीते मानसून सत्र के दौरान सरकार ने साफ कर दिया है कि फिलहाल उसके पास आठवां पे कमीशन बनाने का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।अगर भविष्य में इसे लागू किया जाता है तो केंद्र सरकार के 68 लाख कर्मचारियों और 52 लाख पेंशनधारकों को इसका सीधा लाभ मिलेगा।हालांकि AICPI के अगस्त के आंकड़ों के बाद 2023 में डीए में 4 प्रतिशत तक की फिर वृद्धि मानी जा रही है।
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फिलहाल न्यूनतम वेतन की सीमा 18 हजार रुपये रखी गई है। इसमें वेतन वृद्धि में फिटमेंट फैक्टर 2.57 गुना है, हालांकि 7वें वेतन आयोग में इसे 3.68 गुना तक रखने की सिफारिश की गई है। अगर से सिफारिश मानी जाती है तो केंद्रीय कर्मचारियों का न्यूनतम वेतन 18 हजार रुपये से बढ़कर 26 हजार रुपये तक हो जाएगा।खबर तो यह भी है कि 7वें वेतन आयोग के बाद 8वां या कोई भी अन्य नया वेतन आयोग नहीं आएगा। इसकी बजाए केन्द्र सरकार ऑटोमैटिक इंक्रीमेंट सिस्टम लागू कर सकती है। इसमें सरकारी कर्मचारियों की वेतन वृद्धि प्राइवेट नौकरियों में इंक्रीमेंट जैसे हो सकती है। इसमें 50 फीसदी से ज्यादा डीए होने पर सैलरी में ऑटोमैटिक रिविजन हो जाएगी।
फिटमेंट फैक्टर क्यों जरूरी
दरअसल, फिटमेंट फैक्टर का केन्द्रीय कर्मचारियों की बेसिक सैलरी तय करने में अहम रोल माना जाता है। 7वें वेतन आयोग में कर्मचारियों की सैलरी फिटमेंट फैक्टर (Fitment Factor) से तय होती है । इस फैक्टर के कारण ही केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन में ढाई गुना से अधिक की बढ़ोतरी होती है। फिटमेंट फैक्टर के आधार पर ही पुरानी बेसिक पे से रिवाइज्ड बेसिक पे की कैलकुलेशन की जाती है। पिछली वेतन आयोग की रिपोर्ट में फिटमेंट फैक्टर एक महत्वपूर्ण सिफारिश है, इसी आधार पर वेतन वृद्धि तय होगी।
सैलरी में होगा इतना इजाफा
उदाहरण के तौर पर देखें तो, वर्तमान में केन्द्रीय कर्मचारियों का फिटमेंट फैक्टर 2.57 गुना है, इसी आधार पर न्यूनतम बेसिक सैलरी 18000 रुपये है और अधिकतम बेसिक सैलरी 56900 रुपये है। यदि किसी केंद्रीय कर्मचारी की बेसिक सैलरी 18,000 रुपए है, तो भत्तों को छोड़कर उसकी सैलरी 18,000 X 2.57= 46,260 रुपए का लाभ होगा। 3.68 होने पर सैलरी 95,680 रुपये (26000 X 3.68 = 95,680) हो जाएगी यानि सैलरी में 49,420 रुपए लाभ मिलेगा।
अबतक 10 वेतन आयोग गठन
बता दे कि 1947 के बाद से अबतक 10 वेतन आयोग का गठन किया जा चुका है। केन्द्र सरकार हर 10 वर्ष पर नए वेतन आयोग का गठन करती है, जिसकी सिफारिशों के आधार पर केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन और पेंशनधारकों के पेंशन में बढ़ोतरी की जाती है। सातवें वेतन आयोग का गठन यूपीए सरकार द्वारा 24 फरवरी 2014 को किया गया था। 2006 और 2016 में जिस छठे और सातवें वेतन आयोग ने केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन में बड़ी बढ़ोतरी की सिफारिश की थी और उसे स्वीकार करते हुए सरकार ने वेतन बढ़ाया भी था,इस हिसाब से अगर देखें तो अगला वेतन आयोग यानी 8वां वेतन आयोग साल 2026 में लागू हो सकता है।
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