यहां बहती हैं दूध और घी की नदियां, कारसदेव मेले का दृश्य देखकर दंग रह जाएंगे आप

गुना, संदीप दीक्षित।  मवेशियों के अच्छे स्वास्थ्य की कामना के लिए गुना जिले में स्थित कारस देव मंदिर पर हर साल भाईदौज पर मेला लगाया जाता है। इस दौरान क्षेत्र के पशुपालक अपने मवेशियों का एक दिन का दूध यहां प्रसाद के रूप में चढ़ाने पहुंचे हैं। कोई मालपुआ बनाता है तो कोई भारी मात्रा में घी कारसदेव को अर्पण करते हुए मवेशियों को स्वस्थ रखने की मनोकामना करता है। गुना जिले के बड़ोदिया गांव में यह अनोखा मेला प्राचीनकाल से लगता आ रहा है। इस दौरान कारस देव मंदिर प्रांगण का नजारा ऐसा दिखता है, मानो यहां दूध और घी की नदियां बह रही हों। हजारों पशुपालक कई क्विंटल दूध से बने पकवान और घी यहां चढ़ाते हैं और भण्डारा भी करते हैं।

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गुना जिले के बमौरी ब्लॉक में स्थित बड़ोदिया गांव में कारसदेव पर पशुपालकों द्वारा इस मेले का आयोजन शनिवार को भी किया गया। बड़ोदिया में बमौरी सहित पूरे गुना जिले के पशुपालक दूध लेकर पहुंचे। इसके अलावा जगह-जगह भट्टी बनाकर मालपुरा, खीर और घी बनाया गया। मेले में आए लोगों को शुद्ध घी के पकवान और बिना मिलावट वाला दूध बांटा गया। पशुपालकों की मान्यता है कि इस मेले में दूध और घी चढ़ाने और भण्डारा करने से उनके पशु स्वस्थ रहते हैं और दुग्ध उत्पादन भी अच्छा होता है। पशु पालकों के अलावा आम लोग भी अच्छे स्वास्थ्य के लिए इस मेले में पहुंचते हैं। कारस देव मंदिर प्रांगण में भगवान भोलेनाथ, भगवान श्री गणेश की प्रतिमाएं भी स्थापित हैं। मेले के दौरान भजन-कीर्तन और सुंदरकांड भी किया जाता है।


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Harpreet Kaur