रेल मिनिस्टर अश्विनी वैष्णव ने ट्रायल का एक वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया है। वीडियो को शेयर करते हुए उन्होंने लिखा सुपीरियर राइड, 180 किलोमीटर की स्पीड पर भी ग्लास स्थिर है।
24 अगस्त को कोटा स्टेशन पर स्पीड ट्रायल करने के लिए वंदे भारत ट्रेन का रैक पहुंच गया था। जांच के बाद ट्रेन की वॉशिंग पिट की सफाई की थी और सभी इंस्ट्रूमेंट और पैनल जांचे गए। ट्रायल के दौरान आरडीएसओ लखनऊ की टीम मौजूद रही।
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ट्रेन के पहले फेस का ट्रायल कोटा और घाटका बराना के बीच किया गया। दूसरे फेस का ट्रायल घाटका बराना और कोटा के बीच किया गया। तीसरा ट्रायल कुर्लासी और रामगंज मंडी के बीच डाउन लाइन पर हुआ। चौथा और पांचवां ट्रायल कुर्लासी और रामगंजमंडी के बीच स्थित डाउन लाइन पर किया गया। छठा ट्रायल रामगंज मंडी और लबान डाउन लाइन पर हुआ। कई मौकों पर ट्रेन में 180 किलोमीटर की रफ्तार को छुआ।
ट्रेन में है यह फेसिलिटीज
ट्रेन में सीसीटीवी कैमरे, जीपीएस, ऑटोमेटिक स्लाइडिंग डोर, वैक्यूम बेस्ड बायो टॉयलेट, और हर कोच में चार इमरजेंसी पुश बटन लगाए गए हैं। ट्रेन की सीटें 180 डिग्री तक घुमाई जा सकती हैं। इनमें जो खानपान की चीजें मिलेंगी उसका चार्ज टिकट में ही शामिल है। ट्रेन को पूरी तरह से भारत में ही बनाया गया है और इसका इंजन अलग से लगा हुआ नहीं है बल्कि सेल्फ प्रोपेल्ड है।
एयर कंडीशन से युक्त इस ट्रेन को शताब्दी के विकल्प के तौर पर लाया गया है। 16 कोच के साथ यह शताब्दी एक्सप्रेस के बराबर यात्री ले जाने की कैपेसिटी रखती है। ट्रेन के दोनों कार्नर पर ड्राइवर केबिन बनाए गए हैं।
यह ट्रेन 220 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से दौड़ सकती है। हालांकि, इसके लिए देश में ऐसे ट्रैक उपलब्ध नहीं है। आने वाले समय में 75 वंदे भारत ट्रेन देशभर में चलाए जाने की योजना बनाई गई है। यह तीसरी वंदे भारत ट्रेन है जिसे मुंबई अहमदाबाद रूट पर चलाए जाने की बात कही जा रही है।