ग्वालियर, अतुल सक्सेना। राजस्थान में पशुओं के लिए मुसीबत बन रहा लंपी वायरस (Lumpy virus) अब धीरे धीरे मध्य प्रदेश में भी इफेक्ट दिखा रहा है। इसे लेकर पशुपालन विभाग (MP Animal Husbandry Department) सतर्क हो गया है और संक्रमित अथवा संदेही पशुओं पर निगरानी रख रहा है। वहीं राजस्थान से सटे ग्वालियर चंबल संभाग के लिए विभाग ने अलर्ट जारी किया (Alert issued regarding lumpy virus in Gwalior Chambal division) है और जिला प्रशासन को निर्देश दिए हैं।
राजस्थान से सटे मध्य प्रदेश के जिले भी लंपी वायरस की चपेट में आने लगे हैं। ग्वालियर चंबल संभाग के मुरैना, भिंड, श्योपुर और ग्वालियर जिलों में लंपी वायरस वाले पशु मिलने से पशुपालक परेशान है और दूसरे पशुपालकों को चिंता सताने लगी है। ताजा रिपोर्ट के अनुसार भिंड में 4 पशु, मुरैना में 9 पशु और श्योपुर में 12 पशु मिले हैं, ग्वालियर में भी एक पशु का फोटो मिला है , ये सभी पशु अभी लंपी वायरस सस्पेक्टेड हैं जांच जारी है।
संयुक्त संचालक पशुपालन विभाग ग्वालियर चंबल संभाग डॉ अशोक सिंह तोमर ने बताया है कि वायरस को लेकर विभाग ने अमले को अलर्ट कर दिया है। विभाग ने रैपिड रिस्पॉन्स टीम गठित कर दी हैं। जहाँ भी इन्फेक्टेड या सस्पेक्टेड पशु मिलेगा उसको आइसोलेट करने, वहीँ पर ट्रीटमेंट करने निर्देश दिए गए (MP Animal Husbandry Department issues alert on lumpi virus) हैं।
ग्वालियर चंबल संभाग के इन जिलों के कलेक्टर्स को प्रतिबंधात्मक आदेश जारी करने के लिए कहा गया है। धारा 144 के तहत इन क्षेत्रों में पशु हाट, पशु मेले लगाना प्रतिबंधात्मक रहेगा। इन जिलों के उप संचालकों को भी निर्देश दिए गए हैं कि लंपी वायरस से इन्फेक्टेड या सस्पेक्टेड कोई भी पशु मिले उसे त्वरित दूसरे पशु से अलग किया जाये और स्थिति पर कड़ी नजर रखी जाये।
जानकारी के अनुसार पशुपालन विभाग ग्वालियर ने लंपी वायरस के मरीज मिलने को देखते हुए करीब 25 हजार वैक्सीन की डिमांड भोपाल भेजी है इसमें श्योपुर जिले के लिए 10 हजार, भिंड, मुरैना और ग्वालियर जिले के 5-5 हजार वैक्सीन मांगी गई है।
About Author
Atul Saxena
पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....
पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....