ट्विटर पर विज्ञापन की फोटो शेयर करते एक यूजर ने लिखा, “दिल्ली मेट्रो की एक ट्रेन इस विज्ञापन से भरा हुआ है, जो कि पैसेंजर्स के लिए बहुत शर्मिंदगी का कारण बन रहा है।”
हालांकि, जल्द ही सोशल मीडिया पर इस मुद्दे को लेकर बहस भी शुरू हो गई है क्योंकि कुछ लोग इसे गलत नहीं मान रहे है। इसी पोस्ट पर एक यूजर ने रिप्लाई किया कि इसमें शर्मिंदगी वाली क्या बता है? किसी भी चीज को देखने के हमेशा दो तरीके होते हैं।
इस बीच दूसरे यूजर ने लिखा, “सिर्फ रेवेन्यू से ही मतलब नहीं होना चाहिए। समाज के प्रति भी आपकी जिम्मेदारी है, जिसे पैसों से ऊपर देखना और निभाना चाहिए।”
एक अन्य यूजर ने लिखा, “इनको बस पैसे कमाने से मतलब है? महिला मान-सम्मान से कोई मतलब नहीं है? क्या मेट्रो का कोई अधिकारी या कर्मचारी इस विज्ञापन को अपने घर के अंदर या बाहर लगाएगा?”
इस बीच विज्ञापन की तरफदारी में भी लोग सामने आए है। इस पर एक यूजर ने लिखा, “इसमें गलत क्या हुआ? जैसे बोला जाता है, लड़की के कपड़े नहीं आपकी सोच छोटी है, वैसे ही विज्ञापन तो घटिया नहीं है, देखने वाले की नजर घटिया है।” तो वहीं दूसरे यूजर ने लिखा, “इसमें कुछ गलत नहीं है। महिलाओं को सुरक्षित सेक्स का अधिकार है। यह विज्ञापन महिला सशक्तिकरण को प्रोत्साहित करता है।”
हालांकि, उधर डीएमआरसी की तरफ से एक बयान जारी करते हुए कहा गया कि इसमें कोई भी नियम का उल्लंघन नहीं हुआ है। लेकिन इसके बावजूद लोगों की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए दिल्ली मेट्रो ने फिलहाल इस विज्ञापन को हटा दिया है।