इंटरव्यू में किया खुलासा
इस बारे में एक्टर मनोज बाजपेयी ने हाल ही में एक इंटरव्यू में बताया कि उन्हें रात को खाने वाला होना बिल्कुल नहीं पसंद था, जिसके कारण वह डिनर को छोड़ने का फैसला लिया। इस फैसले को लेने में उन्हें बहुत समय लगा और शुरुआत में उन्हें इस रुटीन को फॉलो करने में काफी दिक्कतें हुई। उन्होंने इसके लिए अपने दादा जी से प्रेरणा ली जो एक आध्यात्मिक व्यक्ति थे और संतों की भक्ति करते थे। उन्होंने बताया कि उनके दादा जी कहते थे कि जो खाना आपको शरीर से दूर रखता है, वह आपके मन को नजदीक लाता है। उन्होंने अपनी हेल्थ के लिए यह फैसला लिया था और आज वह इसे फॉलो करते हुए बहुत खुश हैं।
14 साल से फॉलो कर रहे ये रुटीन
दरअसल, मनोज बाजपेयी इस समय अपने प्रोजेक्ट ‘सिर्फ एक बंदा काफी है’ को लेकर मीडिया की सुर्खियों में बने हुए हैं। जिसका एक ट्रेलर कुछ दिन पहले ही रिलीज हुआ था जो कि इस फिल्म में वह एक एक्सपीरिमेंटल रोल निभा रहे हैं। वहीं, ‘कर्ली टेल्स’ को इंटरव्यू देते हुए बताया कि ‘उन्होंने 13-14 साल से इस रुटीन को फॉलो करते हैं। शुरुआत में इस रुटीन को फॉलो करने में काफी दिक्कतें झेलीं थीं, लेकिन अब वे इसे अपना लाइफस्टाइल मान चुके हैं।” उन्होंने आगे कहा, ‘मैंने कभी 12 घंटे तो कभी 14 घंटे फास्टिंग की। मैंने रात का डिनर धीरे-धीरे हटाना शुरू कर दिया और अब तो लंच के बाद किचन में कुछ नहीं बनता है। हां, इसमें तभी कुछ बनता है, जब हमारी बेटी हॉस्टल से आती है।’