ऐसा अक्सर देखा गया है कि लोगों को बार-बार पासवर्ड ना डालना पड़े इसके लिए वह क्रेडेंशियल को सेव कर लेते हैं। लेकिन उन लोगों को यह पता होना चाहिए कि इस तरीके से आप साइबर हमले के शिकार हो सकते हैं। इससे कोई भी हैकर साहब के अकाउंट में सेंट लगा सकता है पासवर्ड हासिल करके। आइए हम कुछ तरीके बता रहे हैं जिससे आप है हैकर्स से बच सकेंगे:
ब्रूट फोर्स अटैक
इसमें हैकर आपके पासवर्ड का अनुमान लगाकर नंबर अल्फाबेट डिजिट के बिहाफ पर कॉन्बिनेशन तैयार करता है और उसका तब तक इस्तेमाल जारी रखता है जब तक वह आपका पासवर्ड ब्रेक न कर ले इसलिए आप अपना पासवर्ड यूनिक बनाएं।
क्रेडेंशियल स्टाफिंग
इसका उपयोग हैकर्स आपके ऑनलाइन अकाउंट्स और प्रोफाइल में सेंध लगाने के लिए करते हैं इसमें सबसे पहले वह आपके क्रेडेंशियल हासिल करते हैं एक स्पाइवेयर और मैलवेयर का इस्तेमाल करके। इसलिए किसी भी सिस्टम या डिवाइस में लॉगिन न हों और टू फैक्टर ऑथेंटिकेशन इनेबल कर ले।
सोशल इंजीनियरिंग
इसके तहत फाइबर हमलावर नकली लॉगइन पेज बनाते हैं, जिसमें आप जब अपना सोशल मीडिया अकाउंट लॉगइन करते हैं तो लॉगिन नहीं होता है जबकि पीछे से सारे रिकॉर्ड सभी और हमलावर तक पहुंच जाती है इसलिए किसी भी लिंक पर क्लिक नहीं करें और ना ही वहां पर पर्सनल इंफॉर्मेशन दें।
कॉलिंग अटेक
यह एक स्पाइवेयर सॉफ्टवेयर है जो आपके कीबोर्ड कोड ट्रैक करता है जिसमें जब भी आप कीबोर्ड टाइप करते हैं और यह आपकी सारी जानकारी साइबर हमलावर तक पहुंचा देता है इसलिए एंटीवायरस सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करें।
पासवर्ड स्प्रे अटैक
इस हमले में हैकर मल्टीपल चुराए हुए पासवर्ड्स को यूज करके आपके अकाउंट को लोगिन करने का प्रयास करते हैं इसलिए अपने अकाउंट का पासवर्ड हर 2 से 3 महीने में चेंज कर देना चाहिए।
फिशिंग
साइबर हमलावर किसी टेक्स्ट मैसेज या किसी लिंक को देकर यूजर्स को लुभाते हैं और उस पर क्लिक करके अपनी पर्सनल डिटेल डालते ही आप है हैक हो जाते हैं इसी तरह मैन इन द मिडल अटैक में भी प्रोसेस की जाती है जिसमें मैलेशियस अटैचमेंट होते हैं।
शोल्डर सर्फिंग
इस हमले में व्यक्ति तक टारगेट होता है जब वह पब्लिक प्लेस में अपना पासवर्ड टाइप कर रहा होता है इस स्थिति से बचने के लिए अपने डिवाइस को बायोमेट्रिक से सुरक्षित करें।
पासवर्ड को सुरक्षित बनाने के लिए
- सबसे पहले मजबूत पासवर्ड क्रिएट करें और यह यूनिक होना चाहिए
- समय-समय पर पासवर्ड चेंज करते रहें
- मल्टी फैक्टर ऑथेंटिकेशन रखें
- बायोमैट्रिक ऑथेंटिकेशन का इस्तेमाल करें
- डिवाइस को प्रोटेक्ट करने के लिए एंटीवायरस इस्तेमाल करें