ग्वालियर, अतुल सक्सेना। ग्वालियर पुलिस ने लोकायुक्त में पदस्थ एक इंस्पेक्टर (Lokayukta Inspector Arrested) (कार्यवाहक) को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस इंस्पेक्टर के खिलाफ एक युवक में इसी साल मार्च में थाना विश्वविद्यालय में नौकरी दिलाने का झांसा देकर अप्राकृतिक सेक्स करने की शिकायत दर्ज कराई थी। एफआईआर होने के बाद से ही आरोपी इंस्पेक्टर फरार था।
जानकारी के मुताबिक बीती 22 मार्च को 2022 को विश्वविद्यालय थाने में एक 32 साल के युवक ने शिकायत दर्ज कराई थी कि ग्वालियर लोकायुक्त में पदस्थ इंस्पेक्टर (Gwalior Lokayukta Inspector arrested) (कार्यवाहक) सुरेंद्र यादव उसके साथ पिछले करीब 6-7 महीने से अप्राकृतिक कृत्य (Lokayukta inspector did unnatural sex) कर रहे हैं। शिकायत में युवक ने बताया कि वो लंबे समय से बेरोजगार था उसके एक दोस्त ने उसकी मुलाकात पिछले साल 2021 में इंस्पेक्टर सुरेंद्र यादव (Lokayukta Inspector Surendra Yadav arrested) से कराई।
मुलाकात के दौरान बातचीत में इंस्पेक्टर यादव ने नौकरी दिलाने का भरोसा दिया और उसका मोबाइल नंबर ले लिया बाद में बात करते हैं। कुछ महीनों बाद लोकायुक्त इंस्पेक्टर सुरेंद्र यादव ने उसे सिटी सेंटर स्थित एक होटल में बुलाया, वो जब होटल के कमरे में पहुंचा तो इंस्पेक्टर यादव अकेले थे। पुलिस इंस्पेक्टर ने नौकरी का भरोसा दिया और विश्वास में लेकर अपनी इच्छा जताते हुए अप्राकृतिक सेक्स (Unnatural Sex With Youth) किया।
इसके बाद इंस्पेक्टर यादव ने युवक के साथ कई बार अप्राकृतिक कृत्य किया , ये सिलसिला लगभग 6-7 महीने चलता रहा लेकिन जब भी युवक ने नौकरी की बात की तो आरोपों इंस्पेक्टर टालता रहा। युवक को समझ आ गया की उसका शारीरिक शोषण किया जा रहा है , फिर उसने अपने एक दोस्त की मदद से वीडियो बना लिया। उसने वीडियो की बात इंस्पेक्टर यादव को बताई तो उसने धमकी दी मैं पुलिस वाला हूँ कहीं से भी उठवा लूंगा।
हारकर परेशान युवक ने विश्व विद्यालय थाने में एफआईआर दर्ज करवाई। सीएसपी रत्नेश सिंह तोमर ने बताया कि आरोपी इंस्पेक्टर घटना वाली तारीख से ही फरार चल रहा था। उसे कल रत सकहिं तेंदुलकर मार्ग से गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश कर दिया गया है।
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Atul Saxena
पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....
पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....