नरोत्तम मिश्रा का व्यंग- कैसे मोबाइल की Ringtone कर देती है अर्थ का अनर्थ

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भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के गृह मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा (Narottam Mishra) ने युवाओं को सलाह दी है कि वे भारतीय संस्कृति और संस्कार को आत्मसात करें। उन्होंने युवाओं को मोबाइल का सीमित उपयोग करने की सलाह दी दी। वह दूसरी राष्ट्रीय पिट्ठू चैंपियनशिप के उद्घाटन समारोह में बोल रहे थे।भोपाल में दूसरी राष्ट्रीय पिट्ठू चैंपियनशिप का शुभारंभ गृह एवं जेल मंत्री डॉक्टर नरोत्तम मिश्रा ने किया। इस अवसर पर नरोत्तम ने देश भर से आई हुई 22 टीम के खिलाड़ियों से भारतीय संस्कृति और संस्कारों को जीवन में समावेशित करने की अपील की।

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नरोत्तम ने कहा कि प्रायोजित तरीके से पाश्चात्य संस्कृति को भारतीय लोगों पर थोप दिया गया है। आज हमारे पास मोबाइल व सोशल मीडिया में हजारों दोस्त हैं लेकिन भीड़ में हम अकेले हैं। मोबाइल ने हमें अपनी पहचान और संस्कारों से दूर कर दिया है। उन्होंने कहा कि मोबाइल की टोन कई बार अर्थ का अनर्थ कर देती है। उन्होंने उदाहरण दिया कि शादी मे विदाई के वक्त यह ट्यून बज जाती है “हम आज अपनी मौत का सामान ले चले।” उनके यह उदारहण देते ही स्टेडियम में ठहाके लग उठे।


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Pooja Khodani

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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)