कॉलेज में पढ़ने वाले छात्रों में आक्रोश का माहौल बन गया। जिसके बाद छात्रों ने प्रशासन से इस पर ठोस कदम उठाने की मांग की। इधर माहौल खराब होता देख प्रशासन ने अतिथि शिक्षक मिथिलेश गौतम को निलंबित कर दिया साथ ही उनका परिसर में आना वर्जित कर दिया।
यह भी पढ़ें – UGC की नवीन तैयारी, गैर PhD धारक को मिलेगा लाभ, एक्सपर्ट प्रोफेसर के पद को मिली मंजूरी, जल्द होगी नियुक्ति
दरअसल, गेस्ट फैकेल्टी मिथिलेश गौतम ने सोशल मीडिया के जरिए नवरात्रि पर व्रत रखने वाली महिलाओं को नसीहत देते हुए लिखा था कि, “महिलाओं को नौ दिन के नवरात्र व्रत से अच्छा है कि नौ दिन भारतीय संविधान और हिंदू कोड बिल पढ़ लें, उनका जीवन गुलामी और भय से मुक्त हो जाएगा. जय भीम”। इसके साथ ही मिथलेश गौतम ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म फेसबुक पर अरुण प्रताप यादव नाम के व्यक्ति की पोस्ट को शेयर किया था। जिसमें मां दुर्गा और महिषासुर को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की गई थी। जिसके बाद उनके पोस्ट पर यूजर इसका विरोध करते हुए उन्हें करारा जवाब भी दिया। इतना ही नहीं मुद्दा तब गर्माया जब लोग सड़कों पर उतरकर इसका विरोध करने लगे। बता दें कि लोगों में इस विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले छात्र भी शामिल थे। जिनमें इतना आक्रोश था कि उन सभी ने तत्काल कार्रवाई करने की मांग की। छात्रों के विरोध के बाद 29 सितंबर को ज्ञापन सौंपा गया था।
यह भी पढ़ें – आज से लागू होना था कार से जुड़ा ये अनिवार्य नियम, एक साल के लिए टला, पढ़ें पूरी खबर
वहीं, इसी विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले एक छात्र ने बताया कि, “विश्वविद्यालय प्रशासन को प्रशासन को ऐसे कुंठित सोच वाले प्रोफेसर को तत्काल प्रभाव से विश्वविद्यालय से हटा देना चाहिये ताकि विश्वविद्यालय का माहौल खराब न हो। छात्रों ने ये भी मांग की पुलिस इस मामले में आरोपी गेस्ट प्रोफेसर की गिरफ्तारी भी करें नहीं तो हम छात्र आंदोलन को और तेज करेंगे।
यह भी पढ़ें – कांग्रेस अध्यक्ष पद की रेस से बाहर होने के बाद विरागी हुए दिग्विजय सिंह, पहले कहा ‘चाह मिटी’ फिर ‘क्या लेके आया, क्या लेके जाएगा’