रूस और यूक्रेन की विवाद की बहुत गहरी है जड़े, जानिए इसका 100 साल पुराना इतिहास

नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। रूस के आक्रमण के बढ़ते खतरे के बीच यूक्रेन ने आपातकाल की घोषणा कर दी है। साथ ही यह भी साफ कर दिया है कि आपातकाल की घोषणा यूक्रेन के झुकने की निशानी नहीं है। यूक्रेन ने आगाह कर दिया है कि बस एक महीने में यूक्रेन का हर बाशिंदा हथियार उठाकर युद्ध के लिए तैयार होगा। इधर रूस के मंसूबे भी दम से आगे बढ़ रहे है। रूस ने पूर्वी यूक्रेन के दो हिस्सों डोनेट्स्क और लुहान्स्क को स्वतंत्र देश के रूप में मान्यता दे दी है। इन दोनों जगहों पर रूसी लोगों की ज्यादा संख्या इस फैसले को ज्यादा मजबूती दे रहे हैं। यही वजह है कि रूस को भी यूक्रेन पर हमला करने के लिए ज्यादा आसान और सेफ रास्ता इन्हीं नए देशों के जरिए नजर आ रहा है। इस फैसले ने दोनों देशों के बीच तनाव को और भी ज्यादा बढ़ा दिया है।

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रूस पर लगे प्रतिबंध
इस फैसले के बाद से ही रूस अलग अलग देशों से कई प्रतिबंध झेल रहा है। अमेरिका ने वीईबी और रूसी मिलिट्री बैंक के खिलाफ प्रतिबंध लगा दिया है। इसके अलावा अमेरिका ने रूस के कुछ रईस परिवारों पर भी प्रतिबंध लगा दिया है। जर्मनी और मास्को के बीच होने वाले आकर्षक सौदे पर भी रोक की प्रक्रिया शुरू हो गई है। जर्मनी ने नॉर्ड स्ट्रीम 2 गैस पाइपलाइन प्रमाणन की प्रक्रिया को रोकने का काम शुरू कर दिया है। इसमें ब्रिटेन भी पीछे नहीं है। उसने भी पांच रूसी बैंकों और यूरोप के सबसे ज्यादा नेट वर्थ वाले तीन व्यक्तियों पर प्रतिबंध लगा दिया है। उन तीन लोगों की ब्रिटेन में मौजूद संपत्ति फ्रीज होगी और उन्हें ब्रिटेन आने से भी रोक दिया जाएगा।


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Ram Govind Kabiriya