जीवनशैली, नागेश्वर सोनकेशरी। यह बड़ा गहरा विषय है मेरे विचार से जो लोग अत्यधिक महत्वकांक्षी हैं उन्हें इस आलेख पर ध्यान नहीं देना चाहिए। आपने कुछ समय पहले दुनिया के सबसे अमीर शख्स अमेजॉन के प्रमुख जैफ बेजॉस व उनकी पत्नी में कैंडी भेजा उसके बीच सबसे महंगा पर चर्चित तलाक देखा। मीडिया मुगल रूपर्ट मर्डोक और पत्रकार ऐना, रितिक रोशन और सुजैन खान, संजय कपूर और करिश्मा कपूर, सैफ अली खान और अमृता सिंह और भी बहुत सारी जोड़ियां है जो सफल होते हुए भी आपस में खुश नहीं थी।
मैं यहां तलाक पर बात ना करके यह बताने की कोशिश कर रहा हूं, कि जिन्होंने भी अपने जीवन में उपलब्धियों पर अधिक ध्यान केंद्रित किया। वे अधिक ऊंचाइयों पर पहुंच कर भी चिंता डर तनाव में जीवन गुजारते हैं, क्योंकि इन सफल लोगों ने संतुष्टि के बजाय अपनी उपलब्धियों पर अधिक ध्यान केंद्रित किया। यह जरूरी नहीं कि असाधारण उन्नति से आपको अधिक खुशी आनंद प्रेम और जीवन की सार्थकता मिले ही।
एक कार्यक्रम में सिस्टर शिवानी जी के साथ काफी पहले इंदौर आए मुंबई के जाने-माने एक्टर श्री सुरेश ओबरॉय जी ने चार लाइने मंच से कही थी, जिनका मैं आज यहां उल्लेख करना प्रासंगिक समझता हूं। “उन्हें कामयाबी में सुकून नजर आया तो वे दौड़ते गए। हमें सुकून में कामयाबी नजर आए हम ठहर गए। ख्वाहिशों के बोझ में दबा तू क्या कर रहा है, इतना तो जीना भी नहीं जितना तू मर रहा है।
अब हमें तय करना है कि हम अपनी ख्वाहिशों की क्या कीमत चुका रहे हैं? और वे जीवन जीने के लिए कितनी जरूरी है? यदि आपने अपनी ख्वाहिशों को अति आवश्यक, आवश्यक और अनावश्यक में विभाजित कर दिया तो यह पता चल जाएगा कि बेहतर जीवन के लिए कितनी कामयाबी धन-संपत्ति जरूरी है? जिससे आपको एक लिमिट तय करने में आसानी होगी जिसके बाद आप धन कमाने की जगह अपने शौक परिवार मित्रों का कर्तव्य को प्राथमिकता देने लगेंगे और यह तभी संभव है कि जब आप संतुष्टि की तरजीह देते हुए सफलता के साथ-साथ अपनाएं।
संतुष्टि के बिना सफलता दरअसल बहुत अधिक घातक है। इससे ही चिंता भय अनिवार्य रूप से आपके जीवन में प्रवेश कर जाते हैं। मेरी कंपनी का शेयर प्राइस कम ना हो जाए, मेरी प्रतिष्ठा धूल में ना मिल जाए इस प्रकार की चिंताओं से मुक्ति नहीं मिलती है। इससे मुक्ति का बस एक ही उपाय है हर हाल में संतुष्ट रहते हुए खुश रहना। याद रखिये सफलता वह पैमाना है जो दूसरे लोग तय करते हैं। परंतु संतुष्टि का पैमाना हम खुद तय करते हैं इसलिए दूसरों के दिखावे के चक्कर में मत पढ़िए और अपने जीवन को संतुष्ट था के आनंद में बिताइए।