शिक्षक दिवस पर मंत्री भूपेंद्र सिंह ने किया गुरुजनों को प्रणाम, समझाया गुरु शिष्य परंपरा का महत्व

Atul Saxena
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भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। पूर्व राष्ट्रपति, प्रख्यात शिक्षाविद , भारत रत्न डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती, शिक्षक दिवस (Teacher’s day) के रूप में आज पूरा देश मना रहा है। गुरुजनों यानि शिक्षकों को समर्पित इस विशेष दिन पर सभी लोग अपने गुरु को प्रणाम करते हैं और उनके सिखाये मार्ग पर चलते रहने का पुनः संकल्प लेते हैं। भारत दुनिया का वो इकलौता वो देश है जहाँ शिक्षक का स्थान सर्वोपरि माना गया है इसीलिए भारत की गुरु शिष्य परंपरा का आज भी विश्व उदाहरण देता है।

मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार के कैबिनेट मंत्री भूपेंद्र सिंह (MP Cabinet Minister Bhupendra Singh) ने आज अपने साप्ताहिक ब्लॉग में अपने गुरुजनों को प्रणाम करते हुए गुरु शिष्य परंपरा (Guru Shishya Parampara) का महत्व समझाया उन्होंने ट्विटर पर ट्वीट के माध्यम से भी इसे शेयर किया। मंत्री भूपेंद्र सिंह ने लिखा सभी गुरुजनों को शिक्षक दिवस पर प्रणाम। शिक्षक जब अपने उत्कर्ष को प्राप्त होते हैं तो गुरु बन जाते हैं। हमारी सनातन संस्कृति में सदैव सम्मानित हैं गुरु, जो साधारण मनुष्य को ज्ञान, सामर्थ्य, दूरदृष्टि, आत्मविश्वास और सकारात्मकता जैसे विभिन्न गुणों से असाधारण क्षमताओं का ऐसा व्यक्तित्व बनाते रहे हैं, जिन्होंने भारत का स्वर्णिम इतिहास लिखा। यह संभव है उस गुरु-शिष्य परंपरा से, जो मात्र व्यावहारिक संबंध न होकर श्रद्धा, समर्पण, आज्ञा और आध्यात्मिकता का अटूट विश्वास है।

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ.... पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....