दरअसल, इस खतरनाक और जानलेवा वायरस का नाम इबोला वायरस है। जो कि अब तक युगांडा में 23 लोगों को अपनी चपेट में ले चुका है। बता दें कि यह संक्रमण वायरस कोरोना वायरस से भी ज्यादा खतरनाक बताया जा रहा है जो कि बड़ी तेजी से फैल रहा है। जिससे युगांडा सरकार की चिंता एक बार फिर से बढ़ गई है। वहीं, मामले को गंभीरता से लेते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी WHO ने एक टीम गठित कर युगांडा सरकार की मदद के लिए भेजा है।
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बता दें कि युगांडा के स्वास्थ्य मंत्रालय ने देश के कई जिलों में इस वायरस की पुष्टि की है। जिनमें मुबेंडे, कायगेगवा और कसांडा जिलों का नाम भी शामिल है। बता दें कि इस वायरस से संक्रमित लोगों में बुखार, कमजोरी, शरीर में दर्द, सिर दर्द,गले में खराश, उल्टी, दस्त जैसे लक्षण पाए जाते हैं। जिसके कुछ दिनों बाद ही उचित ट्रीटमेंट ना मिलने के कारण उनकी मौत हो जाती है। यह वायरस इतना खतरनाक है कि कोरोना डोज ले चुके इंसानों पर भी यह अपना कहर बरपा रहा है। फिलहाल WHO के अनुसार, अब तक इस वायरस का कोई टीका नहीं है लेकिन तमाम वैज्ञानिक इसका टीका बनाने के कार्य में जुट गए हैं।
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वहीं, रूस के वैज्ञानिकों ने भी चमगादड़ में खोस्ता-2 नाम नामक वायरस की पुष्टि की है जो कि लोगों में बीमारी फैलाने में सक्षम है। वैज्ञानिकों का दावा है कि लोगों में भी इस वायरस का असर देखा जाएगा क्योंकि यह कोरोना वायरस से भी ज्यादा पावरफुल बताया जा रहा है। साल 2020 में कोरोना काल के दौरान ही इस वायरस की पुष्टि की गई थी। उस वक्त वैज्ञानिकों ने रिसर्च में पाया था कि अब इंसानों को नुकसान नहीं पहुंचाएगा लेकिन नए रिसर्च के बाद इस बात का दावा किया जा रहा है कि यह वायरस बहुत जल्द पूरी दुनिया के लिए खतरा बन सकता है।
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