Ashoknagar News : महाराज सिंधिया को जिताने के लिए चुनावी मैदान में उतरीं पत्नी प्रियदर्शिनी राजे

अशोकनगर मातृशक्ति सम्मेलन में शस्त्र प्रदर्शन करने वाली दो छोटी बच्चियों ने कार्यक्रम लट्ठबाजी कला का प्रदर्शन कर रही थी। बच्चियों के प्रदर्शन के शुरू होते ही पहले तो श्रीमती सिंधिया सोफे से उतरकर मंच पर बैठ कर बच्चियों का प्रदर्शन देखने लगी, फिर प्रियदर्शनी राजे सिंधिया को यह कलाबाजी इतनी पसंद आई की कुछ देर बाद उन्होंने मंच से भी उतरकर बच्चियों के साथ खड़े होकर लट्ठबाजी देखी।

Amit Sengar
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Ashoknagar News : आगामी लोकसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा हो चुकी है। इसको लेकर सभी पार्टियों ने अपने-अपने प्रत्याशी मैदान में उतार दिए हैं। जिन की जीत के लिए उनके समर्थक एवं उनके समर्थन में स्टार प्रचारक नेता एवं उनके परिजन सभाएं करते नजर आ रहे हैं। इसी क्रम में प्रदेश की सबसे हाई प्रोफाइल सीट गुना शिवपुरी लोक सभा संसदीय क्षेत्र के भाजपा प्रत्याशी केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की पत्नी प्रियदर्शनी राजे सिंधिया अपने पति के समर्थन में प्रचार एवं भारी मतों से जीताने के लिए मैदान में उतर चुकी है। जिसको लेकर गुना शिवपुरी संसदीय क्षेत्र में वह अपनी सभाएं कर रही है।

प्रियदर्शनी राजे सिंधिया का दिखा अनोखा रूप

इसी दौरान सिंधिया की पत्नी प्रियदर्शनी राजे सिंधिया अशोकनगर व मुंगावली में मातृशक्ति सम्मेलन में भाग लेने के लिए पहुंची। जहां पर भाजपा पार्टी की सभी महिला कार्यकर्ताओं एवं महिला पदाधिकारी ने फूल मालाओं से उनका जोरदार स्वागत किया। अशोकनगर मातृशक्ति सम्मेलन में शस्त्र प्रदर्शन करने वाली दो छोटी बच्चियों ने कार्यक्रम लट्ठबाजी कला का प्रदर्शन कर रही थी। बच्चियों के प्रदर्शन के शुरू होते ही पहले तो श्रीमती सिंधिया सोफे से उतरकर मंच पर बैठ कर बच्चियों का प्रदर्शन देखने लगी, फिर प्रियदर्शनी राजे सिंधिया को यह कलाबाजी इतनी पसंद आई की कुछ देर बाद उन्होंने मंच से भी उतरकर बच्चियों के साथ खड़े होकर लट्ठबाजी देखी। प्रियदर्शनी राजे सिंधिया यही नहीं रुकी, इसके बाद उन्होंने खुद लाठी हाथ में ली और बच्चियों के साथ लट्ठबाजी में अपने हाथ आजमाने लगी। सिंधिया की पत्नी और महारानी के रूप में यहां के लोगों के बीच जाने वाली प्रियदर्शनी राजे सिंधिया का यह रूप लोग आश्चर्य के साथ देखते रहे।

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मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है। वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”