दरसल ग्वालियर के मुरार थाने में कल 11 सितम्बर को पुष्पेंद्र रावत नामक फरियादी ने शिकायत की। उसने बताया कि 08 सितंबर की सुबह मेरे दोस्त ने मुझे एमएच चौराहे के पास बुलाया वो वहां दो अन्य व्यक्तियों के साथ खड़ा था। उसने मुझे बताया कि यह लोग मशीन के जरिए पैसों को डबल कर देते हैं। लेकिन पांच लाख रुपये से कम की रकम को डबल नही करते। तीन लाख रुपये मेरे पास हैं तुम केवल दो लाख रूपये मिला दोगेे तो पैसे डबल हो जाएंगे।
मैंने दोस्त की बात पर भरोसा कर दो लाख रुपये अपने दोस्त को दे दिये। इसके बाद मेरा दोस्त उन दोनों व्यक्तियों के साथ मुझे लेकर नारकोटिक्स ऑफिस के सामने पड़े खाली खंडहर में लेकर गया। वहां पहले से दो और लोग मौजूद थे। उन्होने पांच लाख रुपये लेकर उन्हें कांच की प्लेटों के बीच बांध दिया उसके बाद कैमिकल लगाकर काले कपड़े में रख लिया। उसके बाद मुझसे कहा कि अब इन नोटों को आग से तपाना होगा, इससे इनमें लगा हुआ कैमिकल नोटों के साथ रखे गये कागजों को नोट बना देगा। इसके बाद उन्होंने नोटों की गड्डियों को आग पर सेकना शुरू कर दिया। इस बीच ज्यादा आग लगने से मेरे द्वारा उसको अपने पैर से बुझाने का प्रयास किया गया जिससे कपड़े में बंधी हुई कांच की प्लेटें टूट गई।
प्लेट टूटने पर उन लोगों ने कहा कि कांच की प्लेटें टूट जाने अब पैसे डबल नहीं हो पाएंगे और जब नई प्लेट आएगी तभी तुम्हारे पैसे डबल हो जाएंगे। जब मैंने अपने पैसे वापस मांगे तो मेरे दोस्त ने कहा कि मैं पैसे डबल कर दूंगा। घटना का जिक्र मैंने अपने अन्य मित्र से किया तो उसने कहा कि ऐसी ही घटना उसके साथ और उसके पहचान के लोगों के साथ भी हो चुकी है। मुझे तत्काल अपने साथ ठगी किये जाने का एहसास हो गया।
मुरार थाने में मामला दर्ज होने के बाद पुलिस तुरंत एक्शन में आ गई। इसी बीच एसएसपी अमित सांघी को मुखबिर सेरविवार 11 सितंबर को ही सूचना मिली कि जडेरुआ बांध तिराहे के पास एक सफेद रंग की बिना नम्बर की क्रेटा कार में 5 लोग बैठे हुये है जो कि आपस में पैसा डबल करने के बारे में बातचीत कर रहे है। सूचना पर से तत्काल एडिशनल एसपी क्राइम राजेश डण्डोतिया को क्राइम ब्रांच व थाना मुरार की टीम बनाकर उक्त ठगी के रैकेट का पर्दाफाश करने वाले गिरोह के सदस्यों को गिरफ्तार करने का निर्देश दिया।
निर्देश मिलते ही सीएसपी ऋषिकेश मीणा (IPS), डीएसपी क्राइम रत्नेश तोमर के निर्देश पर मुरार और क्राइम ब्रांच थाने की टीम एक्टिव हुई और मुखबिर के बताये स्थान पर पहुंची । पुलिस को बिना नंबर की क्रेटा कार में पांच लोग बैठे दिखाई दिए। पुलिस ने घरबंदी कर पांचों को पकड़ लिया। तलाशी लेने पर एक संदिग्ध के पास से नीले व काले रंग का बैग मिला जिसमें कैमिकल से भरी एक प्लास्टिक की बोतल रखी हुई थी, साथ ही उसमें काले रंग के दो कपड़े, दो कांच की प्लेटें व काले रंग का पदार्थ भी मिला।
गिरफ्तार आरोपियों से बिना नम्बर की कार के संबंध में पूछताछ करने पर उन्होंने इसे ग्राम बेड़ा थाना नूराबाद जिला मुरैना निवासी अपने साथी की होना बताया। आरोपियों ने ग्वालियर शहर में चार लोगों से 11 लाख रुपये की ठगी करना स्वीकार किया। पकड़े गये ठगों से कई राज्यों में की गई करोड़ों की ठगी की बारदातों का खुलासा होने की संभावना है।