महान कथाकार मुंशी प्रेमचंद की पुण्यतिथि आज, पढ़िये उनकी मशहूर कहानी

भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। जब भी हिंदी साहित्य में कहानी विधा की बात होत है, मुंशी प्रेमचंद (Munshi Premchand) का नाम सबसे पहले आता है। आपने हिंदी और उर्दू दोनों भाषाओं में लिखा है शरतचंद्र चट्टोपाध्याय ने उन्हें उपन्यास सम्राट कहकर संबोधित किया था। प्रेमचंद ने करीब 300 कहानियां और डेढ़ दर्जन उपन्यास लिखे हैं। उनका असली नाम धनपत राय श्रीवास्तव था। उनका जन्म 1880 में वाराणसी के लमही गांव में हुआ था 1921 में असहयोग आंदोलन के दौरान उन्होने सरकारी नौकरी से त्यागपत्र दिया और फिर वे पूरी तरह साहित्य सृजन में रम गए। उनकी कई साहित्यिक कृतियों का अंग्रेजी,जर्मन, रूसी सहित अनेक भाषाओं में अनुवाद हुआ है। 8 अक्टूबर 1936 में मुंशी प्रेमचंद का निधन हुआ लेकिन अपनी लेखनी के माध्यम से वे हमेशा के लिए अमर हो गए हैं। उन्होने जो रचनाएं लिखी उसने साहित्य की यथार्थवादी परंपरा की नींव डाली है। आज उनकी पुण्यतिथि पर हम पढ़ेंगे उनकी मशहूर कहानी ‘पूस की रात’।

Relationship tips : अपने रिश्ते में न आने दें कोई गलतफहमी, फॉलो करें ये 7 जरुरी बातें

पूस की रात

1


About Author
श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।