पैरेंट्स टीचर मीटिंग में अपने बच्चे के साथ न करें ऐसा बर्ताव, डिमोटिवेट हो सकता है आपका बच्चा

Amit Sengar
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जीवनशैली,डेस्क रिपोर्ट। गर्मियां की छुट्टियां (Summer vacations) खत्म होने को हैं। और, स्कूल खुलने की घड़ी आ चुकी है। जिसका मतलब है वही भागदौड़। सुबह स्कूल जाने की जल्दी। घर आने के बाद होमवर्क की टेंशन, फिर परीक्षा की तैयारी और उसके बाद आती है पैरेंट्स टीचर मीटिंग (parents teacher meeting) की बारी। जब टीचर्स अपने स्टूडेंट्स का रिजल्ट भी बताती हैं। ये घड़ी हर माता पिता के लिए थोड़ी मुश्किल भरी होती है। खासतौर से तब जब बच्चा पढ़ाई में कमजोर हो या फिर उसकी कुछ हरकतों से टीचर खफा रहती हो। ऐसे में मीटिंग में ही बच्चे के सामने कुछ बातें करने से बचना चाहिए। उनकी वजह से बच्चे में कहीं निगेटिविटी के भाव न आ जाएं। इस बात का ध्यान रखना बहुत जरूरी है।

सबके सामने न लगाएं डांट
कुछ पैरेंट्स तैश में आकर पैरेंट्स टीचर मीटिंग में ही बच्चे को डांटने लगते हैं। ऐसे समय पर ये याद रखना जरूरी है कि आप बच्चों को उसी के क्लास मैट्स के सामने डांट रहे हैं। कुछ बच्चे इस बात से उभर जाते हैं लेकिन कुछ बच्चों पर इसका बुरा असर पड़ता है और निगेटिव फीलिंग्स आने लगती हैं।


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मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है। वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”