काम के बदले अस्मत, कोर्ट ने भेजा सीधा जेल

Gaurav Sharma
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रतलाम, डेस्क रिपोर्ट। भ्रष्ट और रिश्वतखोर अधिकारियों को लेकर सख्त प्रदेश सरकार लगातार कार्यवाही कर रही है। ऐसे ही एक मामले में कोर्ट ने भ्रष्ट अधिकारी को जेल भेज दिया है। संजय लुणावत नाम के खनिज अधिकारी पर मार्च 2022 में एक महिला ने गंभीर आरोप लगाए थे जिसके चलते कोर्ट ने अब उसे जेल भेज दिया है। हालांकि लुणावत में लघुशंका का बहाना देकर कोर्ट से फरार होने की कोशिश की लेकिन पुलिस की मुस्तैदी से वह इस काम में सफल नहीं हो सका।

आपको बता दें खनिज अधिकारी संजय लुणावत इंदौर में पदस्थ था जहां पर एक काम के चलते इस महिला की उसकी मुलाकात हुई। काम पूरा करने का आश्वासन देकर पहले तो लुणावत ने महिला से ₹25000 की रिश्वत मांगी और जब महिला रिश्वत के पैसे देने गई तब उससे साथ वक्त बिताने की बात कह डाली। इसके बाद मई 2022 में लुणावत के खिलाफ रतलाम में एफ.आई.आर दर्ज हुई। इसके बाद लुनावत के द्वारा गिरफ्तारी के खिलाफ जमानत याचिका दर्ज की गई जिसे कोर्ट ने सिरे से नकार दिया।

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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है। इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।