भय नहीं सतर्कता से करना होगा कोरोना का मुकाबला – प्रवीण कक्कड़

भोपाल, प्रवीण कक्कड़। मौसम में सर्दी के साथ ही कोविड-19 (corona)  के नए वैरीअंट ओमीक्रोन (Omicron varient) की आहट भी सुनाई देने लगी है। करीब 6 महीने तक कोरोनावायरस के लगातार नीचे जाने के बाद एक बार फिर से मध्य प्रदेश (MP) के शहरों में कुछ मरीज सामने आ रहे हैं। अभी यह बहुत स्पष्ट नहीं है कि मध्य प्रदेश में पाए गए मरीज पुराने वैरीअंट के हैं या नए वेरिएंट के। लेकिन अच्छी बात यह है कि जो भी लोग बीमार हुए हैं, उनमें से ज्यादातर की हालत बहुत गंभीर नहीं है और वह घर पर ही आइसोलेशन (isolation) या उपचार से स्वस्थ हो रहे हैं। जाहिर है इन सब समाचारों से मन में भय व्याप्त होता है। लेकिन भय समस्या का निदान नहीं है। हमें सावधानी बरतनी चाहिए और कोशिश करनी चाहिए कि कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन करते हुए सामान्य गतिविधियां चलती रहें।

हम सब देख चुके हैं कि अगर इस तरह के प्रावधानों का पालन नहीं किया जाता तो लॉकडाउन जैसी परिस्थितियां उत्पन्न होती हैं। लॉकडाउन से बीमारी के प्रसार में भले ही रोकथाम हो जाती है, लेकिन आर्थिक गतिविधि बुरी तरह ठप हो जाती है। छोटे और बड़े दोनों तरह के कारोबारी इससे परेशान होते हैं। मजदूर वर्ग एक बार फिर से गरीबी के शिकंजे में जकड़ जाता है और बड़े पैमाने पर मध्यमवर्गीय लोगों को नौकरी से हाथ धोना पड़ता है।


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Kashish Trivedi

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