स्कूल में बच्चों को पढ़ाती है कबाड़ से बनी यह शालू रोबोट, मिल चुके हैं कई सारे अवॉर्ड्स

Diksha Bhanupriy
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नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। आम दिनों में हमारे घर में जो भी अटाला निकलता है या तो हम उसे फेंक देते हैं या फिर कबाड़ी को बेच देते हैं। लेकिन जौनपुर के रहने वाले एक टीचर ने इसी कबाड़ से कमाल कर दिखाया है। कबाड़ की मदद से टीचर ने एक रोबोट तैयार किया है जो बच्चों को पढ़ा रही है। इंटेलिजेंस सिस्टम से बनी इस रोबोट का नाम शालू है और ये अब तक कई अवार्ड भी जीत चुकी है। इतना ही नहीं इसका नाम इंटरनेशनल बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में भी दर्ज है।

उत्तर प्रदेश के जौनपुर के दिनेश कुमार ने इस शालू रोबोट को तैयार किया है। दिनेश आईआईटी बॉम्बे के केंद्रीय विद्यालय में कंप्यूटर साइंस पढ़ाते हैं। उन्होंने इस रोबोट को घर पर पड़े कबाड़ और मार्केट में मिलने वाली कुछ छोटी-छोटी चीजों से तैयार किया है। इसे बनाने में उन्हें 3 साल मेहनत करनी पड़ी, रोबोट में एलुमिनियम, लकड़ी, गत्ता और प्लास्टिक का उपयोग किया गया है।


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"पत्रकारिता का मुख्य काम है, लोकहित की महत्वपूर्ण जानकारी जुटाना और उस जानकारी को संदर्भ के साथ इस तरह रखना कि हम उसका इस्तेमाल मनुष्य की स्थिति सुधारने में कर सकें।” इसी उद्देश्य के साथ मैं पिछले 10 वर्षों से पत्रकारिता के क्षेत्र में काम कर रही हूं। मुझे डिजिटल से लेकर इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का अनुभव है। मैं कॉपी राइटिंग, वेब कॉन्टेंट राइटिंग करना जानती हूं। मेरे पसंदीदा विषय दैनिक अपडेट, मनोरंजन और जीवनशैली समेत अन्य विषयों से संबंधित है।